इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने आज सुबह इराक़ के प्रधानमंत्री मुहम्मद शेया अलसूदानी से मुलाक़ात में ग़ज़ा की पीड़ित जनता के समर्थन में इराक़ की सरकार और जनता के अच्छे और ठोस स्टैंड की प्रशंसा की। उन्होंने ग़ज़ा में क़त्ले आम रुकवाने के लिए इस्लामी दुनिया की तरफ़ से अमरीका और ज़ायोनी सरकार पर सियासी दबाव बढ़ाए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
अमरीकी इराक़ के दोस्त नहीं हैं। अमरीकी किसी के दोस्त नहीं हैं, वो अपने यूरोपीय दोस्तों तक के वफ़ादार नहीं हैं। इराक़ में एक अमरीकी की मौजूदगी भी ज़्यादा है। इमाम ख़ामेनेई29 अप्रैल 2023
इराक़ को उसके वास्तविक मक़ाम तक पहुंचाने के लिए मुल्क के अंदरूनी गलियारों और धड़ों का इत्तेहाद व तालमेल और जोश व जज़्बे से भरे इराक़ी नौजवानों की सलाहियतों का भरपूर इस्तेमाल ज़रूरी है।
इमाम ख़ामेनेई
29 नवम्बर 2022
ख़ुद हमारे इस ज़माने में भी हमारे इन्हीं शहीद, शहीद सुलैमानी की शहादत सच में एक तारीख़ी और अजीब घटना बन गई।
तेहरान में शव यात्रा, किरमान में शव यात्रा, तबरेज़ में शव यात्रा और अनेक शहरों में शव यात्रा। मशहद में शवयात्रा, इराक़ में वह वैभूवपूर्ण शव यात्रा और अगर यह प्रोग्राम होता कि इस शहीद के पवित्र शव को सीरिया व लेबनान ले जाया जाए तो वहां भी यही होता, अगर पाकिस्तान ले जाते तो वहां भी यही घटना घटती।
इमाम ख़ामेनेई
9 जनवरी 2022
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 1 जनवरी 2022 की सुबह शहीद क़ासिम सुलैमानी की बर्सी के प्रोग्रामों का आयोजन करने वाली कमेटी और शहीद के परिवार के लोगों से मुलाक़ात में सच्चाई और ख़ुलूस को सुलैमानी विचारधारा का निचोड़, प्रतीक और शिनाख़्त बताया और इलाक़े के युवाओं की नज़र में शहीद सुलैमानी के एक आइडियल की हैसियत अख़तियार कर लेने का हवाला देते हुए कहा कि प्रिय क़ासिम सुलैमानी ईरान की सबसे बड़ी राष्ट्रप्रेमी और इस्लामी जगत की सबसे बड़ी उम्मत प्रेमी हस्ती थे और हैं।(1)