सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने नए ईरानी साल 1401 के पहले दिन अपनी लाइव स्पीच में ईदे नौरोज़ और नई हिजरी शम्सी सदी के आग़ाज़ की मुबारकबाद दी। उन्होंने नए साल के नारे की व्याख्या में, ग़रीबी की मुश्किल के हल और सामाजिक इंसाफ़ के साथ आर्थिक तरक़्क़ी हासिल करने का रास्ता नॉलेज बेस्ड अर्थव्यवस्था की ओर हरकत को बताया।
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने नए हिजरी शम्सी साल 1401 (21/3/2022-20/3/2023) के आग़ाज़ पर देश को संबोधित किया। टीवी चैनलों से लाइव टेलीकास्ट होने वाली इस पालीसी स्पीच में सुप्रीम लीडर ने अर्थ व्यवस्था के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाल और साथ ही क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हालात का भी जायज़ा लिया।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 1 जनवरी 2022 की सुबह शहीद क़ासिम सुलैमानी की बर्सी के प्रोग्रामों का आयोजन करने वाली कमेटी और शहीद के परिवार के लोगों से मुलाक़ात में सच्चाई और ख़ुलूस को सुलैमानी विचारधारा का निचोड़, प्रतीक और शिनाख़्त बताया और इलाक़े के युवाओं की नज़र में शहीद सुलैमानी के एक आइडियल की हैसियत अख़तियार कर लेने का हवाला देते हुए कहा कि प्रिय क़ासिम सुलैमानी ईरान की सबसे बड़ी राष्ट्रप्रेमी और इस्लामी जगत की सबसे बड़ी उम्मत प्रेमी हस्ती थे और हैं।(1)
क़ुन्दूज़ इलाक़े की मस्जिद में धमाके में नमाज़ियों की मौत की घटना ने हमें ग़मज़दा कर दिया। पड़ोसी बंधु देश अफ़ग़ानिस्तान के अधिकारियों से वाक़ई अपेक्षा है कि वह इस भयानक-अपराध के ख़ंख़ार दोषियों को सज़ा देंगें और आवश्यक उपायों के ज़रिए इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाएंगे।
इमाम ख़ामेनेई
9 अक्तूबर 2021