ग़ज़ा के वाक़ए ने पश्चिमी सभ्यता को बेनक़ाब कर दिया। पश्चिमी सभ्यता में इतनी बेरहमी है कि अस्पतालों पर हमले करते हैं, एक रात के अंदर सैकड़ों इंसानों को क़त्ल कर डालते हैं, चार महीने की मुद्दत में लगभग 30 हज़ार लोगों को मौत के घाट उतार देते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
8 फ़रवरी 2024
आज भी और हर दौर में पैग़म्बरे इस्लाम की शिक्षाएं सारी इंसानियत के लिए हैं। जिस तरह उस ज़माने में पैग़म्बर ने लोगों को बुतों से दूरी और बुतों को तोड़ देने की दावत दी आज भी यही दावत मौजूद है। यह ख़ुद हमसे रसूले इस्लाम और बेसत का मुतालबा है।
इमाम ख़ामेनेई
8 फ़रवरी 2024
अगर मुसलमान अपनी इस्लाह कर लें और इंसानियत के सामने इस्लाम का अस्ली और वास्तविक नमूना पेश करें तो इंसानियत इस्लाम की ओर आकर्षित हो जाएगी।
इमाम ख़ामेनेई
8 फ़रवरी 2024
इस्लामी दुनिया के ओलमा, बुद्धिजीवी, नेता और पत्रकार बिरादरी अवाम में मांग पैदा करें कि उनकी सरकारें ज़ायोनी सरकार पर वार करने पर मजबूर हों। हम यह नहीं कहते कि जंग शुरू कर दें, वो जंग नहीं करेंगी और कुछ के लिए शायद मुमकिन भी न हो, लेकिन आर्थिक रिश्ते तो तोड़ ही सकती हैं।
इमाम ख़ामेनेई
5 फ़रवरी 2024
मैंने सुना कि कुछ इस्लामी देश ज़ायोनी सरकार को हथियार दे रहे हैं, कुछ हैं जो अलग अलग रूप में आर्थिक मदद कर रहे हैं। यह अवाम का काम है कि इसे रुकवाएं। अवाम दबाव डाल सकते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
5 फ़रवरी 2024
प्राइवेट सेक्टर के प्रोडक्शन केन्द्रों ने उल्लेखनीय विकास किया है। यह बहुत अहम ख़बर है। क्यों? इसलिए कि यह प्रगति और विकास और अंजाम पाने वाले काम सब कुछ प्रतिबंधों के ज़माने में हुआ।
इमाम ख़ामेनेई
30 जनवरी 2024
हमने घरेलू पैदावार की क्षमताओं की जिस नुमाइश का कल मुआइना किया, वह बड़ी हैरत अंगेज़ और शानदार नुमाइश थी। मेरा ख़याल है कि इस प्रदर्शनी को ईरान की सांइसी व तकनीकी ताक़त के नमूने के तौर पर पहचनवाया जा सकता है।
इमाम ख़ामेनेई
30 जनवरी 2024
इस्लामी मुल्कों के अधिकारियों की ख़राब गतिविधियों और सारी सख़्तियों के बावजूद, जैसा कि क़ुरआन में भी आया है अल्लाह मोमिन अवाम के साथ है और जहां ख़ुदा हो वहीं फ़तह होगी।
इमाम ख़ामेनेई
23 जनवरी 2024
अल्लाह ग़ज़ा के अवाम की फ़तह का नज़ारा भविष्य में जो ज़्यादा दूर नहीं है, दिखाएगा और मुसलमानों और उनमें सबसे ऊपर फ़िलिस्तीन और ग़ज़ा के अवाम के दिलों को ख़ुश कर देगा।
इमाम ख़ामेनेई
23 जनवरी 2024
इस्लामी मुल्कों के अधिकारियों के कुछ स्टैंड ग़लत हैं। क्योंकि वो ग़ज़ा में फ़ायरबंदी जैसे विषय पर बात करते हैं जो उनके अख़्तियार से बाहर है और ज़ायोनी हुकूमत के हाथ में है। वो ज़ायोनी सरकार की ज़िंदगी की नसें काट देने जैसे मुद्दों के सिलसिले में कार्रवाई करें।
इमाम ख़ामेनेई
23 जनवरी 2024
दुनिया भर के लोग #ग़ज़ा और #फ़िलिस्तीन के अवाम के सिलसिले में दो चीज़ें मानते हैं। एक यह कि वो मज़लूम हैं और दूसरे यह कि वो विजेता हैं। आज दुनिया में कोई भी यह नहीं सोचता कि ग़ज़ा की जंग में ज़ायोनी सरकार को फ़तह मिली, सब कहते हैं कि उसे शिकस्त हुई। सबकी नज़र में क़ाबिज़ ज़ायोनी शासन ख़ूंख़ार और बेरहम भेड़िया, परास्त, मायूस और टूट फूट का शिकार है।
इमाम ख़ामेनेई
16 जनवरी 2024
ग़ज़ा के अवाम की मदद के लिए #यमन के अवाम और #अंसारुल्लाह की सरकार ने जो कारनामा अंजाम दिया वह बहुत अज़ीम है। यमनियों ने ज़ायोनी सरकार की जीवन की नसों पर वार किया है। अमरीका ने धमकी दी तो उसे ध्यान के लायक़ नहीं समझा। इंसान को अगर अल्लाह का डर हो तो किसी और का डर नहीं रह जाता।
इमाम ख़ामेनेई
16 जनवरी 2024
सॉफ़्ट पावर की ताक़त हार्ड पावर से ज़्यादा गहरी और असरदार होती है। अमरीका ने 20 साल में अफ़ग़ानिस्तान और इराक़ में अरबों ख़र्च किए मगर अवामी नफ़रत की वजह से उसे भागना पड़ा। यह हार्ड पावर के अस्थायी असर की वजह से हुआ।
इमाम ख़ामेनेई
3 जनवरी 2024
सॉफ़्ट पावर यानी कोई ग्रुप जो तादाद में कम हो लेकिन फ़िक्री और नैतिक असर से सारी दुनिया का ध्यान आकर्षित कर ले। फ़िलिस्तीनी जिनके पास अपनी रक्षा का हथियार नहीं अपने सब्र व दृढ़ता से सारी दुनिया का ध्यान आकृष्ट करने में सफल हुए। सॉफ़्ट पावर और हार्ड पावर का फ़र्क़ इतना ज़्यादा है।
इमाम ख़ामेनेई
3 जनवरी 2024
क़ुद्स फ़ोर्स के कमांडर जनरल क़ाआनी की मेहनत तारीफ़ और सराहना के क़ाबिल है। रेज़िस्टेंस फ़्रंट को मज़बूत बनाने का अमल लगातार जारी रहना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
31/12/2023
अमरीका बमबारी रोकने और युद्ध विराम से संबंधित सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को बड़ी बेशर्मी से वीटो कर देता है। यानी दरअस्ल बच्चों, औरतों, बीमारों, बूढ़ों और निहत्थे अवाम पर बमबारी में हाथ बटा रहा है।
इमाम ख़ामेनेई
23 दिसम्बर 2023
ग़ज़ा के अवाम और ग़ज़ा के मुजाहेदीन पहाड़ की तरह डटे हुए हैं। खाने पीने की चीज़ें, दवाएं और ईंधन नहीं पहुंच रहा है लेकिन मज़बूती से खड़े हैं, हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। यही हार न मानने का जज़्बा उन्हें विजय दिलाएगा।
इमाम ख़ामेनेई
23 दिसम्बर 2023
हमने अपना फ़ारमूला पेश कर दिया है। फ़िलिस्तीन में रेफ़्रेंडम। क़ाबिज़ ज़ायोनियों को इसमें शिरकत का हक़ नहीं है ... अगर यही रेज़िस्टेंस के युनिट्स अपने पुख़्ता इरादे से अपनी मांगें पूरी करने के लिए काम करें तो यह होकर रहेगा। फ़िलिस्तीन के मसले का हल इंशाअल्लाह नया पश्चिमी एशिया देखेगा।
इमाम ख़ामेनेई
29 नवम्बर 2023
आर्थिक सहयोग को केन्द्र में रखकर अमरीका विरोधी देशों का एलायंस अहम अंतर्राष्ट्रीय मसलों जैसे फ़िलिस्तीन के विषय में समान और असरदार स्टैंड ले सकता है।
इमाम ख़ामेनेई
4 दिसम्बर 2023
क्यूबा का इंक़ेलाब और जनाब फ़ीडल कास्त्रो की शख़्सियत, इस्लामी इंक़ेलाब कामयाब होने से पहले से ही ईरान के क्रांतिकारियों के लिए ख़ास कशिश रखती थी और इसकी वजह उनके इंक़ेलाबी स्टैंड की सच्चाई थी।
इमाम ख़ामेनेई
4 दिसम्बर 2023
बसीजी हक़ नहीं जताता बल्कि अपने फ़रीज़े मद्देनज़र रखता है। अपने फ़रीज़े को अहमियत देता है और उस पर अमल करता है। बसीजी संगठन की क्षमताओं को अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल नहीं करता। बसीजी अमानतदार होता है।
इमाम ख़ामेनेई
29 नवम्बर 2023
इमाम ख़ुमैनी हमेशा अवाम को अपने आप से श्रेष्ठ समझते थे। वही नौजवान जो आते थे, आपका हाथ चूमते थे, आंसू बहाते थे इमाम ख़ुमैनी उन्हें ख़ुद से श्रेष्ठ समझते थे।
इमाम ख़ामेनेई
29 नवम्बर 2023
#बसीज (स्वयंसेवी फ़ोर्स) की एक ख़ासियत इसका सीमाओं तक सीमित न रहने का पहलू है। वही ‘अंतर्राष्ट्रीय रेज़िस्टेंस के बीज’ जिनकी बशारत इमाम ख़ुमैनी ने दी थी आज इस इलाक़े का मुस्तक़बिल तय कर रहे हैं। इसकी एक मिसाल यही #तूफ़ान_अलअक़सा है।
इमाम ख़ामेनेई
29 नवम्बर 2023
ग़ज़ा के अवाम ने अपने सब्र से पूरी इंसानियत के ज़मीर को झिंझोड़ दिया। यहां तक कि ख़ुद पश्चिमी देशों में, ब्रिटेन, फ़्रांस और संयुक्त राज्य अमरीका में जनसैलाब निकलता है और इस्राईल के ख़िलाफ़ और अमरीकी सरकार के ख़िलाफ़ नारे लगाता है। दुनिया में यह लोग बेइज़्ज़त हो गए।
इमाम ख़ामेनेई
1 नवम्बर 2023
ग़ज़ा में इस बड़े पैमाने पर क़त्ले आम के बाद भी अब तक इस लड़ाई में हारा हुआ पक्ष ज़ायोनी शासन ही है क्योंकि वो मिट्टी में मिल चुकी इज़्ज़त दोबारा हासिल नहीं कर सका और आइंदा भी यह काम नहीं कर पाएगा।
इमाम ख़ामेनेई
6 नवम्बर 2023
अपने अवाम से भी झूठ बोल रहा है। अपने क़ैदियों के बारे में उनका चिंता ज़ाहिर करना भी झूठ है। जो बमबारी कर रहे हैं उसमें अपने क़ैदियों को भी क़त्ल कर रहे हैं।
इमाम ख़ामेनेई
1 नवम्बर 2023
ग़ज़ा का मसला एक तरफ़ मज़लूमियत की तस्वीर पेश करता है तो दूसरी तरफ़ यह मज़बूती का आईना है। ग़ज़ा के अवाम का सब्र और अल्लाह पर भरोसा उन्हें मैदान का विजेता बनाएगा।
इमाम ख़ामेनेई
25 अक्तूबर 2023