04/04/2024
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे आज के नौजवान वह दिन देखें जब क़ुद्स मुसलमानों के हाथों में हो और वो वहां नमाज़ अदा करें।  इमाम ख़ामेनेई 03 अप्रैल 2024
02/04/2024
सलाम और रहमत हो इस वाक़ए के शहीदों पर और लानत व धिक्कार हो ज़ालिम हुकूमत के अधिकारियों पर  इस्लाम के बहादुर व त्यागी कमांडर जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी अपने साथी मुजाहिद मोहम्मद हादी हाज रहीमी के साथ, क़ाबिज़ व घृणित ज़ायोनी हुकूमत की आपराधिक कार्यवाही का शिकार होकर शहीद हो गए। अल्लाह और उसके औलिया का सलाम और रहमत उन पर हो और इस वाक़ए के दूसरे शहीदों पर हो और ज़ालिम व अतिक्रमणकारी हुकूमत के अधिकारियों पर लानत व धिक्कार हो। जनरल ज़ाहेदी और उनके साथ अन्य लोगों की शहादत पर रहबरे इंक़ेलाब के पैग़ाम का एक भाग 2 अप्रैल 2024
29/03/2024
आप अल्लाह के फ़ज़्ल से ग़ज़ा के अवाम की आख़िरी फ़तह को देखेंगे। इमाम ख़ामेनेई  28 मार्च 2024
29/03/2024
यह जो ज़ायोनी हुकूमत इतने सारे सैनिक संसाधनों और दुनिया की ज़ालिम ताक़तों के समर्थन से औरतों और बच्चों का क़त्ले आम कर रही है, इस बात का चिन्ह है कि यह हुकूमत रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ का मुक़ाबला करने और उन्हें शिकस्त देने में सक्षम नहीं है।  इमाम ख़ामेनेई  28 मार्च 2024
28/03/2024
पश्चिम के समर्थन से अंजाम पाने वाले ज़ायोनी सरकार के अपराध और दरिंदगी पर ग़ज़ा के अवाम का तारीख़ी सब्र एक अज़ीम हक़ीक़त है जिसने इस्लाम की मर्यादा बढ़ाई। ग़ज़ा वासियों के सब्र की अज़ीम हक़ीक़त ने फ़िलिस्तीन के विषय को दुश्मन की इच्छा के विपरीत दुनिया का सबसे अहम मुद्दा बना दिया। इमाम ख़ामेनेई   25 मार्च 2024
26/03/2024
शायरी एक संचार माध्यम है। आज दुनिया में चुनौतियां और झड़पें मीडिया के ज़रिए होती हैं। जंग मीडिया की जंग है। जिस के पास ताक़तवर मीडिया है वह अपने लक्ष्य पूरे करने में ज़्यादा कामयाब है। इमाम ख़ामेनेई 20 मार्च 2024
26/03/2024
मिल्लते ईरान का सिविलाइज़ेशनल पैग़ाम और ईरानी क़ौम को मोतबर बनाने वाला पैग़ाम दुनिया में ज़ुल्म के मुक़ाबले में उसके साहसिक रेज़िस्टेंस का पैग़ाम है। मुंहज़ोरी और विस्तारवाद के मुक़ाबले में जिसका प्रतीक आज अमरीका और ज़ायोनी हैं।इमाम ख़ामेनेई 25 मार्च 2024
26/03/2024
शेर में पैग़ाम होना चाहिए। जो अच्छा पैग़ाम हो सकता है वह दीन का पैग़ाम है, अख़लाक़ का पैग़ाम है और सभ्यता पैग़ाम है। इमाम ख़ामेनेई  25 मार्च 2024
22/03/2024
हालिया कुछ महीनों में रेज़िस्टेंस ने अपनी ताक़त का प्रदर्शन किया और अमरीका के समीकरण बिगाड़ दिए। अमरीका इस इलाक़े में, इराक़, सीरिया, लेबनान वग़ैरा पर नियंत्रण चाहता था, रेज़िस्टेंस ने दिखा दिया कि यह संभव नहीं है, अमरीकियों को इस इलाक़े से जाना पड़ेगा। इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
21/03/2024
ग़ज़ा के वाक़यात ने दिखा दिया कि पश्चिम की यह तथाकथित सभ्य दुनिया जो मानवाधिकार की दावेदार है उसकी सोच और उसके अमल पर कैसी तारीकी छायी है। 30 हज़ार से ज़्यादा इंसान बच्चों से लेकर बूढ़ों तक छोटी सी मुद्दत में मार डाले जाते हैं और यह सभ्य दुनिया रोकना तो दूर मदद करती है।  इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
21/03/2024
ग़ज़ा के वाक़यात ने रेज़िस्टेंस फ़्रंट की उपयोगिता साबित कर दी। साबित कर दिया कि पश्चिमी एशिया के इलाक़े में रेज़िस्टेंस फ़्रंट की उपस्थिति बड़ा बुनियादी विषय है। इस रेज़िस्टेंस फ़्रंट को दिन ब दिन अधिक मज़बूत करना चाहिए।    इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
20/03/2024
अज़ीज़ मिल्लते ईरान की सेवा में ईदे नौरोज़ और नए साल की मुबारकबाद पेश करता हूँ जो इस साल रमज़ानुल मुबारक, दिलों की बहार और अध्यात्म की बहार के साथ आया है। मैं ख़ास तौर पर क़ुरबानियां देने वालों के परिवारों और नौरोज़ मनाने वाली सभी क़ौमों की सेवा में मुबारकबाद पेश करता हूं। इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024  
20/03/2024
सन 1402 ज़िंदगी के दूसरे सभी बर्सों की तरह मिठास और कड़वाहट से भरा रहा। क़ुद्स दिवस और 11 फ़रवरी की रैलियों में अवाम की शानदार शिरकत, शांतिपूर्ण व पारदर्शी चुनाव और विदेशी मामलों में राजनैतिक व आर्थिक सतह पर सरकार की अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियां पिछले साल की मधुर घटनाएं रहीं। इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
20/03/2024
सन 1402 ज़िंदगी के दूसरे सभी बर्सों की तरह मिठास और कड़वाहट से भरा रहा। शहीद क़ासिम सुलैमानी की बर्सी के मौक़े पर किरमान की दुखद घटना, साल के अंतिम दिनों में बलोचिस्तान में बाढ़ कटु घटनाएं थीं और सबसे कटु घटना #ग़ज़ा का वाक़ेया था जो हमारे अंतर्राष्ट्रीय मसलों में से एक है। इस साल हमारे सामने इससे ज़्यादा कड़वा कोई वाक़ेया नहीं रहा। इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
15/03/2024
अफ़सोस है कि इस्लामी दुनिया में ऐसे लोग और सरकारें हैं जो ग़ज़ा के मज़लूम अवाम के दुश्मनों की मदद कर रही हैं। इंशाअल्लाह एक दिन वो पछताएंगी और अपनी ग़द्दारी की सज़ा भी पाएंगी और यह भी देखेंगी कि उन्होंने जो कुछ किया व्यर्थ था। इमाम ख़ामेनेई  12 मार्च 2024
14/03/2024
चंद महीनों से ज़ायोनी, अमरीका और दूसरों से मिलने वाले हथियारों और विश्वासघात भरी मदद के ज़रिए फ़िलिसतीनी रेज़िस्टेंस के ख़िलाफ़ जंग कर रहे हैं, रेज़िस्टेंस भी वहां यथावत ताक़तवर और मज़बूत क़दमों से डटी हुई है और अल्लाह की कृपा से ज़ायोनियों की नाक ज़मीन पर रगड़ देगी। इमाम ख़ामेनेई  12 मार्च 2024
13/03/2024
ग़ज़ा में दृढ़ प्रतिरोध का चरम बिंदु जिस चीज़ ने दुनिया को दिखाया वह वहां के निवासियों का क़ुरआन से गहरा लगाव है। इमाम ख़ामेनेई  12 मार्च 2024
08/03/2024
इस्लामी जुम्हूरिया का उदय एक ज़लज़ला था जिसने दो मोर्चों की स्थिति पैदा की। एक लिबरल डेमोक्रेसी का मोर्चा और दूसरा इस्लाम पर आधारित जुम्हूरी मोर्चा। लिबरल डेमोक्रेटिक सिस्टम के नेचर में हमला और अतिक्रमण शामिल है जबकि दीनी लोकतंत्र का सबसे अहम मिशन ज़ुल्म का मुक़ाबला है। इमाम ख़ामेनेई  7 मार्च 2024
07/03/2024
एक क़ौम अपनी सरज़मीन में अत्याचारों का निशाना बनती है, उनकी औरतें, उनके बच्चे, उनके मकानात बेरहमी से मिटाए जाते हैं और कुछ देश रोकना तो दरकिनार इसमें सहयोग करते हैं। अमरीका, ब्रिटेन और कुछ यूरोपीय देश। हम इसके विरोधी हैं। इमाम ख़ामेनेई  7 मार्च 2024
05/03/2024
सीस्तान व बलोचिस्तान प्रांत में आने वाली बाढ़ से अवाम को बहुत नुक़सान हुआ है। जो सहायता कार्य चल रहा है, जारी रहे। सहायता टीमें, चाहे वो सरकारी हों या उनके अलावा हों, काम जारी रखें। दूसरे लोग जो इस सहायता में शामिल होना चाहते हैं वो भी शामिल हों। इमाम ख़ामेनेई  5 मार्च 2024
05/03/2024
मतदान में भरपूर शिरकत पर ईरानी क़ौम का शुक्रिया अदा करता हूं। ईरानी क़ौम ने जेहाद किया। क्यों? इसलिए कि तक़रीबन एक साल से ईरानी क़ौम के दुश्मन दुनिया में अलग अलग जगहों से कोशिश में थे कि अवाम को चुनाव से दूर रखें। अवाम ने पोलिंग केन्द्रों पर  पहुँच कर कारनामा अंजाम दिया। इमाम ख़ामेनेई  5 मार्च 2024
01/03/2024
आज ईरानी क़ौम के शुभचिंतकों और दुश्मनों इसी तरह अहम राष्ट्रीय व राजनैतिक पोज़ीशन रखने वालों की निगाहें ईरान पर केन्द्रित हैं। वह देखना चाहते हैं कि ईरानी जनता इस चुनाव में क्या करती है और उसका नतीजा क्या होता है। इमाम ख़ामेनेई  1 मार्च 2024
29/02/2024
चुनाव राष्ट्रीय और अवामी ताक़त का प्रतीक है। अमरीका, यूरोप पर हावी नीतियां, ज़ायोनी पालीसियां, दुनिया के बड़े पूंजीपतियों और बड़ी कंपनियों की पालीसियां अवाम की भरपूर उपस्थिति से सबसे ज़्यादा डरती हैं। क्यों? क्योंकि उन्हें पता है कि अगर क़ौम मैदान में उतर पड़े तो समस्याओं पर नियंत्रण तय है। इमाम ख़ामेनेई  28 फ़रवरी 2024
29/02/2024
ग़ज़ा में जातीय सफ़ाए के बारे में अमरीका की ग़ैर इंसानी पालीसियां इतनी रुसवा हो चुकी हैं कि अमरीकी फ़ौजी अफ़सर आत्मदाह कर लेता है। इमाम ख़ामेनेई  28 फ़रवरी 2024
26/02/2024
पश्चिम मे कुछ लोग ज़बान से तो कहते हैं कि इस्राईल क्यों क़त्ले आम कर रहा है। ज़बानी हद तक यह बात कह देते हैं लेकिन अमल में उसका समर्थन करते हैं, हथियार देते हैं, उसकी ज़रूरत का सामान मुहैया कराते हैं। इमाम ख़ामेनेई  24 फ़रवरी 2024
26/02/2024
ज़ाहिरी तौर पर साफ़ सुथरी पोशाकों में नज़र आने वाले पश्चिमी नेता पागल कुत्ते और ख़ूंख़ार भेड़िए जैसा भीतरी रूप रखते हैं। यही पश्चिमी लिबरल डेमोक्रेसी है। यह न लिबरल हैं और न डेमोक्रेटिक। झूठ बोलते हैं और पाखंड से अपना काम निकालते हैं। इमाम ख़ामेनेई  24 फ़रवरी 2024
25/02/2024
जिस रेज़िस्टेंस के सबब #ग़ज़ा में दुश्मन रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ का ख़ात्मा करने की ओर से मायूस हो गया, उसका स्रोत इस्लाम की ताक़त थी। यह हालत है कि अमरीकी व युरोपीय युवा #क़ुरआन पढ़ रहे हैं कि देखें कि क़ुरआन में क्या है कि इस पर अक़ीदा रखने वाले ऐसा #रेज़िस्टेंस करते हैं। इमाम ख़ामेनेई  24 फ़रवरी 2024
24/02/2024
ये सिर्फ़ शिया नहीं हैं जो इमाम महदी अलैहिस्सलाम के आने का इंतेज़ार कर रहे हैं बल्कि मुक्तिदाता इमाम महदी के इंतेज़ार का अक़ीदा सभी मुसलमानों का अक़ीदा है। दूसरों और शियों में फ़र्क़ यह है कि शिया इस महान हस्ती को उसके नामो-निशान और मुख़्तलिफ़ ख़ुसूसियतों से जानते हैं। इमाम ख़ामेनेई 20/5/2005
24/02/2024
यह तय है कि इस्लामी दुनिया और आज़ाद सोच रखने वाले ग़ैर मुस्लिम ग़ज़ा के लिए सोगवार हैं। ग़ज़ा के अवाम उन लोगों के अत्याचार का निशाना बने है जिन्हें इंसानियत छूकर भी नहीं गुज़री है। इमाम ख़ामेनेई  22 फ़रवरी 2024
23/02/2024
इस्लामी दुनिया में बहुतों को क़ुरआन से लगाव नहीं है। एक कड़वी सच्चाई है। क्या इस्लामी देशों के नेता ग़ज़ा के बारे में क़ुरआनी हिदायत पर अमल कर रहे हैं? क़ुरआन हमसे कहता है किः "मोमेनीन मोमिनों को छोड़ कर काफ़िरों को दोस्त न बनाएं।" क्या इस आयत पर अमल हो रहा है?   इमाम ख़ामेनेई  22 फ़रवरी 2024
23/02/2024
क़ुरआन इंसान के दर्द और पीड़ा का इलाज है। चाहे रूहानी, मनोवैज्ञानिक और वैचारिक पीड़ाएं हों या इंसानी समाजों के दर्द, जंगें, ज़ुल्म, बेइंसाफ़ियां। क़ुरआन इन सब का इलाज है।   इमाम ख़ामेनेई  22 फ़रवरी 2024
22/02/2024
क़ुरआन मार्गदर्शन की किताब है। मार्गदर्शन की सबको ज़रूरत है। क़ुरआन चेतावनी देने वाली किताब है। उन ख़तरों के बारे में चेतावनी जो इंसानों के लिए पेश आने वाले हैं। चाहे इस दुनिया में या बाद की दुनिया में जहां अस्ली ज़िंदगी है। इमाम ख़ामेनेई  22  फ़रवरी 2024
21/02/2024
हम दुश्मन से ग़ाफ़िल न हों, याद रखें कि दुश्मन फ़रेब, मक्कारी, चालाकी और हथकंडों से काम लेता है। दुशमन को कमज़ोर और बेबस न समझें।   इमाम ख़ामेनेई  18 फ़रवरी 2024
22/02/2024
फ़तह की अहम शर्त यह है कि हम दुश्मन और उसकी ताक़त से वाक़िफ़ हों लेकिन उससे डरें नहीं! अगर आप डरे तो हार गए। दुश्मन की धमकियों, चीख़ पुकार और दबाव से डरना नहीं चाहिए। इमाम ख़ामेनेई  18 फ़रवरी 2024
20/02/2024
चुनाव इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था का अहम स्तंभ और देश के सुधार का ज़रिया है। जो लोग समस्याओं के समाधान की फ़िक्र में हैं उन्हें चाहिए कि चुनाव पर ध्यान दें।   इमाम ख़ामेनेई  18 फ़रवरी 2024
19/02/2024
11 फ़रवरी को इस्लामी इंक़ेलाब की सालगिरह के जुलूसों में भरपूर शिरकत पर ईरान के अवाम का शुक्रिया अदा करता हूं। अवाम ने अपने जोश व जज़्बे का प्रदर्शन किया। जो ईरानी क़ौम की हताशा की आस में थे चकित रह गए। इमाम ख़ामेनेई  18 फ़रवरी 2024
15/02/2024
इंशाअल्लाह दिन ब दिन ग़ज़ा के अवाम की फ़तह की निशानियां ज़्यादा उजागर होती जाएंगी। इमाम ख़ामेनेई 8 फ़रवरी 2024
14/02/2024
ग़ज़ा के मसले में सरकारों का दायित्व है कि ज़ायोनी सरकार की राजनैतिक, प्रचारिक, सामरिक मदद और प्रयोग की वस्तुओं की सप्लाई बंद करें। यह सरकारों की ज़िम्मेदारी है। अवाम की ज़िम्मेदारी है कि सरकारों पर दबाव डालें कि वे अपने फ़र्ज़ पर अमल करें। इमाम ख़ामेनेई 8 फ़रवरी 2024
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