01/04/2024
अमीरुल मोमेनीन ने हुकूमत क़ुबूल करने के लम्हे से मेहराबे इबादत में सर पर तलवार लगने तक एक दिन और एक लम्हा ऐसा नहीं गुज़ारा जिसमें आप उस हक़ और हक़ीक़त का मुतालबा करने से पीछे हटे हों जिसके लिए इस्लाम आया। न कोई रियायत, न तकल्लुफ़, न लेहाज़, न ख़ौफ़, न कमज़ोरी कुछ भी उनके आड़े नहीं आया। इमाम ख़ामेनेई 28 जुलाई 2007
31/03/2024
शबे क़द्र वह मौक़ा है जिसमें हम अपने दिलों को अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम के अज़ीम मरतबे से परिचित कराएं और सबक़ लें। माहे रमज़ान की फ़ज़ीलत और इस महीने में नेक बंदों की ज़िम्मेदारियों के बारे में जो कुछ ज़बान पर आता है और बयान किया जा सकता है अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम उसका मुकम्मल नमूना और उन विशेषताओं का उदाहरण हैं।  इमाम ख़ामेनेई  19 सितम्बर 2008
30/03/2024
फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस के जवानों ने पैग़ाम दिया जो हमारे कानों तक भी पहुंचा कि हमारे बारे में फ़िक्रमंद होने की ज़रूरत नहीं है। हमारे लगभग 90 प्रतिशत संसाधन और क्षमताएं सुरक्षित हैं। इमाम ख़ामेनेई 12 मार्च 2024
28/03/2024
ज़ायोनी हुकूमत केवल अपनी सुरक्षा के मसले में ही संकट का शिकार नहीं बल्कि संकट से बाहर निकलने के मसले में भी संकट में घिरी है। दलदल में फंसी है, बाहर नहीं निकल सकती। अगर ग़ज़ा से निकल जाए तो उसकी हार है और न निकले तब भी उसकी हार है। इमाम ख़ामेनेई 20 मार्च 2024
24/03/2024
आज तक ज़ायोनी (अलअक़्सा फ़्लड ऑप्रेशन में) मिलने वाली हार की रुस्वाई और दबाव से उबर नहीं पाए हैं। हाँ, वो अपनी ताक़त का प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कहाँ? ग़ज़ा के मरीज़ों के अस्पताल पर, ग़ज़ा के स्कूलों पर और ग़ज़ा के अवाम के सिरों पर (बमबारी करके) जो कहीं जा नहीं सकते। ताक़त के इस प्रदर्शन की कोई हैसियत नहीं है। इमाम ख़ामेनेई 22 नवम्बर 2023
22/03/2024
हज़रत ख़दीजा शुरू से इस्लाम पर ईमान लाईं। उन्होंने अपनी सारी दौलत दावते इस्लाम और इस्लाम के प्रचार पर ख़र्च कर दी। अगर हज़रत ख़दीजा की मदद न होती तो शायद इस्लाम के सफ़र और इस्लाम के प्रचार में बड़ी रुकावट पेश आती। बाद में रसूले ख़ुदा और दूसरे मुसलमानों के साथ शेअब-ए-अबू तालिब में जाकर रहीं और वहीं उन्होंने आख़िरी सांस ली। इमाम ख़ामेनेई 27 जून 1986
18/03/2024
आज़ ग़ज़ा में जो कुछ हो रहा है वह दोनों तरफ़ से चरम पर है। ज़ायोनी और पश्चिमी सभ्यता का अपराध और बर्बरता भी और मसले का दूसरा पहलू भी, अवाम का बेमिसाल सब्र और प्रतिरोध और हमास और फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस के जेहाद की ताक़त भी। इमाम ख़ामेनेई  12 मार्च 2024
11/03/2024
रमज़ान मुबारक का चाँद 29 शाबान (10 मार्च) को नज़र नहीं आया, सोमवार को 30 शाबान है, और मंगलवार 12 मार्च को रमज़ान मुबारक 1445 हिजरी क़मरी का पहला दिन होगा।
09/03/2024
ग़ज़ा ने पश्चिम के चेहरे से मानवाधिकार की नक़ाब हटा दी।  इमाम ख़ामेनेई  1 नवम्बर 2023
08/03/2024
जो हुकूमत इस्लाम की बुनियाद पर क़ायम होती है उसकी कार्यशैली की बुनियाद हैः"न तुम ज़ुल्म करोगे और न तुम पर ज़ुल्म किया जाएगा।" (सूरए बक़रह आयत 279) इमाम ख़ामेनेई  7 मार्च 2024
05/03/2024
पश्चिमी सभ्यता ये है। अमरीका और पश्चिम की अमानवीय नीतियों की शर्मनाक स्थिति इस हद को पहुंच गई है कि आपने सुना ही होगा कि अमरीकी एयर फ़ोर्स का अफ़सर आत्मदाह कर लेता है। यानी इस कल्चर में पले बढ़े हुए नौजवान के लिए भी यह बात बहुत भारी है, उसके ज़मीर को भी चोट पहुंचती है।इत्तेफ़ाक़ से किसी एक शख़्स का ज़मीर जाग गया और उसने आत्मदाह कर लिया। पश्चिमी कल्चर ने अपना परिचय करा दिया, अपने चेहरे से नक़ाब हटा दी, अपनी पोल खोल दी कि वो कितना भ्रष्ट है, कितना गुमराह है, कितना ज़ालिम है। आयतुल्लाह ख़ामेनेई 28/2/2024
25/02/2024
इंसान को पैग़म्बर, अल्लाह की ओर आने की दावत देने और उसकी ओर बुलाने वालों की हमेशा ज़रूरत है और ये ज़रूरत आज भी बाक़ी है। अल्लाह की ओर बुलाने वालों का यह सिलसिला आज भी टूटा नहीं है और इमाम महदी का पाकीज़ा वजूद जिन पर हमारी जाने क़ुर्बान हों, अल्लाह की ओर बुलाने वालों की आख़िरी कड़ी है। इमाम ख़ामेनेई 20/9/2005
23/01/2024
इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम, इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम, इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम और इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम के दौर में शियों का नेटवर्क हमेशा से ज़्यादा फैला हुआ था। किसी भी दौर में पूरे इस्लामी जगत में शियों के आपसी संबंध और शिया मत के नेटवर्क का फैलाव, इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम, इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम और इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम के ज़माने जैसा नहीं था। इमाम ख़ामेनेई 09/08/2005
22/01/2024
इमाम मोहम्मद तक़ी अलजवाद अलैहिस्सलाम की ज़िन्दगी से हमें यह सबक़ मिलता है कि मुनाफ़िक़ (पाखंडी) और दिखावा करने वाली ताक़तों का सामना हो तो हिम्मत से काम लें और इन ताक़तों का मुक़ाबला करने के लिए अवाम को जागरूक बनाएं। इमाम जवाद अलैहिस्सलाम ने मामून के चेहरे से दिखावे और धोखाधड़ी की नक़ाब हटाने के लिए काम किया और कामयाब हुए। इमाम ख़ामेनेई 10/10/1980
20/01/2024
ग़ज़ा के अवाम की मदद के लिए यमन के अवाम और अंसारुल्लाह की सरकार ने जो कारनामा अंजाम दिया वह बहुत अज़ीम है। यमनियों ने ज़ायोनी सरकार की जीवन की नसों पर वार किया है। अमरीका ने धमकी दी तो उसे ध्यान के लायक़ नहीं समझा। इंसान को अगर अल्लाह का डर हो तो किसी और का डर नहीं रह जाता। इमाम ख़ामेनेई 16 जनवरी 2024
07/01/2024
संगदिल अपराधी, अवाम का अपने अज़ीम कमांडर शहीद क़ासिम सुलैमानी के मज़ार की ज़ियारत का इश्क़ और शौक़ बर्दाश्त न कर पाए। वो याद रखें कि सुलैमानी की रौशन राह के सिपाही भी उनकी इस पस्ती और अपराध को बर्दाश्त नहीं करेंगे।  ईरान के किरमान नगर में शहीदों के क़ब्रिस्तान के रास्ते में आतंकी घटना में शहीद सुलैमानी के बहुत से श्रद्धालुओं की शहादत पर रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई का शोक संदेश। 3 जनवरी 2024
04/01/2024
आज इस्लामी दुनिया और कुफ़्र की दुनिया व अमरीका की सरहद #ग़ज़ा के अंदर है। आज इस्लामी दुनिया की नब्ज़ ग़ज़ा में धड़क रही है। इमाम ख़ामेनेई 3 जनवरी 2024
24/12/2023
अगर अमरीका की तरफ़ से सामरिक मदद और समर्थन न होता तो भ्रष्ट, जाली और झूठी ज़ायोनी सरकार (7 अक्तूबर के बाद) पहले ही हफ़्ते में ख़त्म हो जाती, गिर जाती। अगर अमरीका की मदद न हो तो तय है कि ज़ायोनी सरकार कुछ ही दिनों में पैरालाइज़्ड हो जाएगी। इमाम ख़ामेनेई 1नवम्बर 2023
19/12/2023
अमरीका के हाथ ग़ज़ा में क़ाबिज़ ज़ायोनी हुकूमत के अपराधों और ग़ज़ा के मज़लूमों, बच्चों, बीमारों और औरतों के ख़ून में कोहनियों तक डूबे हुए हैं। अमरीका ही इसे मैनेज कर रहा है। इमाम ख़ामेनेई  25 अक्तूबर 2023
11/12/2023
तूफ़ान अलअक़सा ऑप्रेशन के बाद के मामले में अमरीका मुजरिमों के अपराध में पूरी तरह शामिल है। इन अपराधों में अमरीका के हाथ कोहनियों तक मज़लूमों, बच्चों, औरतों, बीमारों के ख़ून में डूबे हुए हैं। अमरीका ही है जो एक अलग अंदाज़ से इसे निर्देशित कर रहा है। ... अगर अमरीका का समर्थन और उसकी हथियारों की मदद न होती, तो भ्रष्ट, जाली व झूठा ज़ायोनी शासन, पहले हफ़्ते में ही ख़त्म हो गया होता, गिर गया होता । 25/10/2023 और 1/11/2023
03/12/2023
कहते हैं कि “स्पोर्ट्स सियासी चीज़ नहीं है! ” लेकिन जब उन्हें स्पोर्ट्स में सियासत करने की ज़रूरत महसूस होती है तो स्पोर्ट्स में बदतरीन अंदाज़ से सियासत करते हैं। जंग के बहाने एक मुल्क को खेल के सारे अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबलों से महरूम कर देते हैं, लेकिन यही लोग ग़ज़ा में 5000 शहीद बच्चों को बिल्कुल नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इमाम ख़ामेनेई 22 नवम्बर 2023
02/12/2023
ग़ज़ा के अवाम ने अपने सब्र से, अपने रेज़िस्टेंस से, पीछे हटने से अपने इंकार के ज़रिए अमरीका, फ़्रांस और ब्रिटेन वग़ैरा के चेहरों से मुनाफ़ेक़त का पर्दा हटा दिया, उन्हें बेनक़ाब कर दिया। इमाम ख़ामेनेई 1 नवम्बर 2023
18/11/2023
यह जंग ग़ज़ा और इस्राईल की जंग नहीं सत्य और असत्य की जंग है, साम्राज्यवाद और ईमान की जंग है। इम्पेरियलिस्ट ताक़तें बमों, सैनिक दबाव, त्रास्दियों और अपराधों के साथ आगे आती हैं और ईमान की ताक़त अल्लाह की मदद से इन सब पर विजय हासिल करेगी। इमाम ख़ामेनेई   1 नवम्बर 2023
17/11/2023
ग़ज़ा के अवाम ने अपने सब्र से पूरी इंसानियत के ज़मीर को झिंझोड़ दिया। यहां तक कि ब्रिटेन, फ़्रांस और अमरीका में जनसैलाब निकलता है और इस्राईल के ख़िलाफ़ और अमरीकी सरकार के ख़िलाफ़ नारे लगाता है। इमाम ख़ामेनेई  
10/11/2023
अगर अमरीका की मदद न होती और न हो तो तय है कि ज़ायोनी सरकार चंद दिन के अंदर पैरालाइज़्ड हो जाएगी। इमाम ख़ामेनेई 1 नवम्बर 2023
09/11/2023
ग़ज़ा में इस बड़े पैमाने पर क़त्ले आम के बाद भी अब तक इस लड़ाई में हारा हुआ पक्ष ज़ायोनी शासन ही है क्योंकि वो मिट्टी में मिल चुकी इज़्ज़त दोबारा हासिल नहीं कर सका और आइंदा भी यह काम नहीं कर पाएगा। इमाम ख़ामेनेई 6 नवम्बर 2023
06/11/2023
अमरीकी ग़ज़ा में जारी ज़ायोनियों के अपराधों में शरीक हैं। अगर उनकी सामरिक व राजनैतिक मदद न हो तो ज़ायोनी सरकार अपनी कार्यवाहियां जारी रख पाने के क़ाबिल नहीं रहेगी। इमाम ख़ामेनेई 1 नवम्बर 2023
31/10/2023
अमरीका के हाथ फ़िलिस्तीन के मज़लूम बच्चों के ख़ून से रंगीन हैं। इमाम ख़ामेनेई  25 अक्तूबर 2023
29/10/2023
यह जो पश्चिम के ज़ालिम और दुष्ट मुल्कों के नेता मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन के बार बार दौरे कर रहे हैं, इसकी वजह यह है कि वो ज़ायोनी शासन को बिखरता हुआ देख रहे हैं। वो ख़ूब समझ रहे हैं। उसे बचाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि जो वार पड़ा है वह बहुत गहरा और निर्णायक वार था। इमाम ख़ामेनेई 25 अक्तूबर 2023
26/10/2023
ग़ज़ा के मज़लूम अवाम की मज़लूमियत के साथ साथ दो बड़ी अहम बातें हैं। एक तो इन मज़लूम अवाम का सब्र और अल्लाह पर भरोसा है। दूसरा अहम बिंदु यह है कि फ़िलिस्तीनी जांबाज़ों के इस हमले में क़ाबिज़ सरकार पर जो वार हुआ है वह बड़ा निर्णायक है। इमाम ख़ामेनेई 25 अक्तूबर 2023
27/10/2023
हमें हज़रत मासूमा-ए-क़ुम से अपनी क्षमता भर फ़ैज़ हासिल करना चाहिए। आप इमाम की बेटी हैं। इमाम की बेटी, इमाम की बहन, इमाम की फुफी। यह कितना अज़ीम मर्तबा है?! आपके ज़ियारतनामे में हैः ऐ फ़ातेमा मासूमा! आप बहिश्त में जाने के लिए हमारी शिफ़ाअत कीजिए! क्योंकि अल्लाह की बारगाह में आप बड़ी अज़ीम शान व स्थान की मालिक हैं। इमाम ख़ामेनेई 19 जुलाई 1992
25/10/2023
अमरीका ग़ज़ा में जारी ज़ायोनी सरकार के अपराधों में यक़ीनी तौर पर लिप्त है। ग़ज़ा में जो अपराध हो रहा है उसे दर हक़ीक़त अमरीका ही मैनेज कर रहा है। इमाम ख़ामेनेई  25 अक्तूबर 2023
22/10/2023
सारी इस्लामी दुनिया का फ़र्ज़ है कि फ़िलिस्तीनियों की हिमायत करे और इंशाअल्लाह करेगी। ज़हीन रणनीतिकारों, बहादुर नौजवानों, सरफ़रोश कार्यकर्ताओं ने यह कारनामा अंजाम दिया। यह साहसिक कारनामा इंशाअल्लाह फ़िलिस्तीन की रिहाई की तरफ़ बड़ा क़दम साबित होगा।  इमाम ख़ामेनेई  10 अक्तूबर 2023
22/10/2023
मुसलमान क़ौमों में क्रोध है। इसकी निशानियां आप देख ही रहे हैं: अवामी गिरोहों के प्रदर्शन सिर्फ़ इस्लामी मुल्कों में नहीं बल्कि लॉस एंजलिस, नेदरलैंड में, फ़्रांस में, यूरोपीय मुल्कों में, मुसलमान और ग़ैर मुसलमान दोनों। वो ग़ुस्से में हैं। इमाम ख़ामेनेई  17 अक्तूबर 2023
19/10/2023
अनेक जानकारियों से ज़ाहिर होता है कि ज़ायोनी सरकार की इन दिनों की नीतियां अमरीकी तैयार कर रहे हैं और जो कुछ हो रहा है अमरीकियों की नीतियों के मुताबिक़ हो रहा है। इस स्थिति के ज़िम्मेदार अमरीकी हैं। इमाम ख़ामेनेई 17 अक्तूबर 2023
18/10/2023
फ़िलिस्तीन के मसले में जो चीज़ सारी दुनिया की निगाहों के सामने है वह क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार के हाथों होने वाला नस्ली सफ़ाया है। यह सारी दुनिया देख रही है। इमाम ख़ामेनेई 17 अक्तूबर 2023
17/10/2023
क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार पर मुक़द्दमा चलाया जाए! इमाम ख़ामेनेई 17 अक्तूबर 2023
12/10/2023
जो हुकूमतें ज़ायोनी सरकार से रिश्ते क़ायम करने के जुए को अपनी रणनीति बना रही हैं, वो ग़लती कर रही हैं। यूरोप वालों के बक़ौल हारने वाले घोड़े पर शर्त लगा रही हैं। क़ाबिज़ सरकार मिट जाने वाली है।   इमाम ख़ामेनेई  
13/10/2023
7 अक्तूबर से शुरू होने वाले इस वाक़ए (अलअक़सा तूफ़ान आप्रेशन) में क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार को फ़ौजी पहलू से भी और इंटैलीजेंस के पहलू से भी वो शिकस्त हुई है जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं।  इमाम ख़ामेनेई  
09/10/2023
शहीदों के नाम का तक़ाज़ा ही बाक़ी रहना और अमर हो जाना है। यानी अल्लाह की राह में क़ुरबानी की ख़ुसूसियत ही यह है कि वह दुनिया में बाक़ी रहती है। इमाम ख़ामेनेई 27 सितम्बर 2023
ताज़ातरीन