सच्चाई बयान करने का मिशन, दुश्मन की चाल और उसकी कोशिशों को नाकाम बनाने वाला है। आप में से हर एक, एक ज़िम्मेदारी के तौर पर एक चेराग़ की तरह, एक प्रकाश की तरह अपने आस-पास के माहौल को रौशन कर दे।
क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार की पीठ पर अमरीका जैसी एक बड़ी फ़ौजी, राजनैतिक और आर्थिक ताक़त, प्रतिरोध करने वाले एक गिरोह से लड़ रही है लेकिन वह उसे घुटने टेकने पर मजबूर न कर सकी। वे अपनी भड़ास आम लोगों पर निकाल रहे हैं।
सरकार के सामने मुख़्तलिफ़ मसलों में चुनौतियां हो सकती हैं, ऐसी स्थिति में संसद सरकार को भरपूर सहारा दे सकती है, सरकार के हाथ मज़बूत कर सकती है। स्ट्रैटेजिक ऐक्शन का क़ानून, संसद के बेहतरीन कामों में से एक था।
राष्ट्रपति रईसी सहयोग करने वाले इंसान थे लेकिन आत्मसम्मान के साथ, न इतना सख़्त और दूर कर देने वाला रवैया कि संबंध टूट जाएं और न ही फ़ुज़ूल में किसी को रिआयत देना और ख़ुद को कमतर समझना।
इंशाअल्लाह हमारे अज़ीज़ अवाम वोट देने और बेहतरीन उम्मीदवार का चयन करने में कामयाब होंगे और इस राउंड में अवाम का इरादा और हौसला ज़्यादा होना चाहिए ताकि वो इस काम को पूरा कर सकें और इंशाअल्लाह कल मुल्क को एक नया राष्ट्रपति मिले।
शहीद सुलैमानी ने अपनी ज़िंदगी में भी साम्राज्यवाद को शिकस्त दी और अपनी शहादत से भी उसे शिकस्त दी। शायद कुछ दोस्तों को न पता हो कि उन्होंने क्षेत्र की क़ौमों की मदद से वेस्ट एशिया के क्षेत्र में अमरीका की सभी अवैध योजनाओं पर पानी फेर दिया।
इमामत के सिलसिले को पैग़म्बरे इस्लाम अल्लाह के हुक्म से आगे बढ़ाते हैं, अलबत्ता इस इमामत के लिए सत्ता व शासन ज़रूरी है। इसीलिए ख़िलाफ़त का एलान करते हैं, विलायत के एलान के वक़्त फ़रमाते हैं: "जिस जिस का मैं मौला हूं उसके ये अली मौला हैं।"
18 ज़िलहिज्जा सन 10 हिजरी का दिन, ग़दीर के एलान और अमीरुल मोमेनीन की जानशीनी के एलान का दिन वह दिन है जब काफ़िर मायूस हो गए। इस बारे में कि वो दीने इस्लाम को मिटा सकेंगे। इस दिन से पहले तक उन्हें यह उम्मीद थी कि ऐसा कर ले जाएंगे। लेकिन इस दिन उनकी उम्मीद मर गई।
बुज़ुर्ग धर्मगुरू आयतुल्लाह नासिर मकारिम शीराज़ी के तेहरान के एक अस्पताल में भर्ती होने पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने अस्पताल पहुंच कर उनका हाल-चाल पूछा।
जो लोग तुम्हें क़त्ल करते हैं, तुमसे जंग करते हैं, तुम्हें तुम्हारे वतन से भगा देते हैं या उन लोगों की मदद करते हैं जिन्होंने तुम्हें तुम्हारे घरों से निकाल दिया है तो उनसे संपर्क रखने या उन की तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाने का तुम्हें हक़ नहीं है।
पूरे हज में अल्लाह का ज़िक्र है, अल्लाह की याद है। यह ज़िक्र, ज़िंदगी का स्रोत है, इसका हमारी ज़िंदगी पर, हमारे इरादे पर, हमारे संकल्प पर, हमारे बड़े बड़े फ़ैसलों पर असर पड़ेगा।
अज़ीज़ राष्ट्रपति ने ईरान को दुनिया की राजनैतिक हस्तियों की नज़र में ज़्यादा बड़ा और नुमायां कर दिया। इसीलिए आज राजनैतिक हस्तियां जो उनके बारे में बात करती हैं, उन्हें एक नुमायां शख़्सियत बताती हैं।
अलअक़्सा फ़्लड ऑप्रेशन ज़ायोनी सरकार पर एक निर्णायक वार था, एक ऐसा वार जिसका कोई इलाज नहीं है। ज़ायोनी सरकार को इस वार से ऐसे नुक़सान पहुंचे हैं जिनसे वह कभी नजात हासिल नहीं कर पाएगी
इमाम ख़ुमैनी का मानना था कि ख़ुद फ़िलिस्तीनी अवाम को दुश्मन यानी ज़ायोनी सरकार को पीछे हटने पर मजबूर कर देना चाहिए, उसे कमज़ोर बना देना चाहिए। आज यह काम हो गया।
संयुक्त राज्य अमरीका के अज़ीज़ स्टूडेंट्स! यह हमारी आपसे सहृदयता और समरसता का पैग़ाम है। इस वक़्त आप इतिहास की सही दिशा में, जो अपना पन्ना पलट रहा है, खड़े हुए हैं।
आपको सलाम कि दुनिया की सबसे ज़्यादा हथियारों से लैस सेनाओं में से एक और धरती के सबसे घटिया लोगों के मुक़ाबले में आज अपकी दृढ़ता ने हमें, प्रतिरोध का अर्थ समझाया।
राष्ट्रपति हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैयद इब्राहीम रईसी और हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दूसरे शहीदों की नमाज़े जनाज़ा इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की इमामत में अदा की गयी।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई और हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन मरहूम रईसी इमाम रज़ा अलैहिस्सालम की ज़रीह में मुक़द्दस क़ब्र की सफ़ाई की ख़िदमत करते हुए।
मुल्क की सुरक्षा भी, सरहदों की सुरक्षा भी, मुल्क की सतह के दूसरे काम भी जो कार्यपालिका के ज़रिए अंजाम पाते हैं, सही तरीक़े से अंजाम पाएंगे। लोग चिंतित न हों, घबराएं नहीं, इंशाअल्लाह राष्ट्रपति, जनता के बीच लौट आएंगे।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने तेहरान इंटरनैशनल बुक फ़ेयर का तीन घंटे मुआइना किया और किताबों के मुख़्तलिफ़ स्टालों पर गए, किताबें भी देखीं और स्टाल के मालिकों से बातचीत भी की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने तेहरान इंटरनैशनल बुक फ़ेयर का मुआइना करने के बाद, संबंधित विभाग को किताबों का प्रकाशन बढ़ाने पर ताकीद की।