सैयद हसन नसरुल्लाह ज़ालिम और लुटेरे शैतानों के मुक़ाबले में प्रतिरोध का ऊंचा परचम थे। मज़लूमों की बोलती ज़बान और बहादुर रक्षक थे, मुजाहिदों और सत्य की राह पर चलने वालों के साहस और ढारस का सबब थे।

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