उन्हें अल्लाह की राह में शहीद होकर अल्लाह के बंदों को नजात दिलाने से ख़ौफ़ नहीं था लेकिन हम इस सख़्त व कड़वी घटना पर, जो इस्लामी गणराज्य की सरहद में अंजाम पायी, उनके ख़ून के बदले को अपना फ़र्ज़ समझते हैं।