इस्लामी इंक़ेलाब के नेता और सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 12 फ़रवरी, 2025 की सुबह ईरानी रक्षा मंत्रालय के कुछ अधिकारियों, रक्षा उद्योग के वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और कर्मचारियों से मुलाक़ात की।
इस मुलाक़ात से पहले उन्होंने "इक़्तेदार (शक्ति) 1403" नामक प्रदर्शनी का निरीक्षण किया, जिसमें देश के रक्षा उद्योग के वैज्ञानिकों की नवीनतम उपलब्धियों और क्षमताओं को प्रदर्शित किया गया था।प्रदर्शनी के निरीक्षण के बाद इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने अपनी स्पीच में इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में बधाई दी और उनके जन्म दिन 15 शाबान को एक वैश्विक और मानवीय ईद बताया और कहा कि न्याय की ख़ुशख़बरी, न्याय की स्थापना और मोक्षदाता के आने की उम्मीद, पूरे इतिहास में इंसान की स्थायी इच्छा रही है, और निश्चित रूप से यह आशा पूरी हो कर रहेगी।
उन्होंने इसी तरह 22 बहमन (11 फ़रवरी) का उल्लेख किया और इसे ईरानी राष्ट्र की एक महान और ऐतिहासिक ईद बताया और इसकी बधाई देते हुए कहा कि किसी भी क्रांति में यह बात दिखाई नहीं देती कि राष्ट्र अपने इंक़ेलाब की सफलता के 46 साल बाद सड़कों पर उतरे और क्रांति की सालगिरह का जश्न मनाए।आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 10 फ़रवरी को अत्यंत ठंडे मौसम में हुई रैलियों में बच्चों, महिलाओं, पुरुषों, बुजुर्गों और युवाओं समेत राष्ट्र के सभी वर्गों की भागीदारी को एक राष्ट्रीय और अवामी आंदोलन बताया और कहा कि इस साल के कार्यक्रम इंक़ेलाब की सालगिरह के समारोहों के सबसे अहम और प्रमुख कार्यक्रमों में से एक थे।
उन्होंने इंक़ेलाब के वास्तविक मालिकों यानी ईरानी राष्ट्र और 11 फ़रवरी 1979 के इंक़ेलाब के नायक यानी इमाम ख़ुमैनी के ख़िलाफ़ दुश्मन की प्रचारिक बमबारी और सॉफ़्ट वॉर का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी परिस्थितियों में राष्ट्र ने सही समय और सही मौक़े पर सभी शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों पर उतरकर खुले तौर पर अपने विचार और नीति बयान कर दी। सुप्रीम कमांडर ने 10 फ़रवरी के समारोह में राष्ट्रपति के स्पष्ट और मार्गदर्शक बयान को राष्ट्र के महान क़दम का पूरक बताया और कहा कि सम्मानीय राष्ट्रपति ने लोगों के दिल की बात और जो कुछ आवश्यक था उसे बयान कर दिया। दस फ़रवरी की राष्ट्रव्यापी रैलियों में उत्साह से भरे युवाओं की भरपूर भागीदारी को सराहते हुए उन्होंने कहा कि मैं प्यारे युवाओं को दिल से चाहता हूं और मुझे उम्मीद है कि अल्लाह की कृपा से उसकी दया पूरे देश में फैलेगी और एक बेहतर भविष्य इस बुद्धिमान, साहसी और जागरूक राष्ट्र की प्रतीक्षा में होगा। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने रक्षा उद्योग की प्रदर्शनी को सबसे अच्छी और सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शनियों में से एक बताया और रक्षा उद्योग के सभी वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, अधिकारियों और श्रमिकों का दिल से शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि राष्ट्र को भी अपने इन सक्षम सपूतों का आभारी होना चाहिए।
उन्होंने राष्ट्र की रक्षा और देश की सुरक्षा के मुद्दे को बहुत अहम बताया और कहा कि आज ईरान की रक्षा शक्ति हर किसी की ज़बान पर है, इंक़ेलाब के दोस्त इस पर गर्व करते हैं और दुश्मन इससे भयभीत हैं और यह सच्चाई किसी भी देश के लिए बहुत अहम है। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने उस समय का उल्लेख करते हुए जब वैश्विक ग़ुंडे ईरान को कई गुना अधिक क़ीमत पर भी उसकी ज़रूरत के रक्षा उपकरण नहीं बेचते थे, कहा कि आज वही बड़ी शक्तियां ईरान से सैन्य उपकरण न बेचने के लिए कह रही हैं और "हम नहीं बेचेंगे" और "तुम न बेचो" के बीच एक बहुत बड़ा फ़ासला है जिसे हमारे वैज्ञानिकों की कोशिशों और हमारे युवा विशेषज्ञों के रचनात्मक दिमाग़ों ने दूर कर दिया है।उन्होंने दुश्मन के लगातार प्रतिबंधों के बाद भी देश के अद्भुत रक्षा विकास को असाधारण बताया और कहा कि ईरान के रक्षा उद्योग की स्थिति ऐसी है कि जो भी उपकरण हमें नहीं दिए जाते, हमारे युवा देश में ही उनसे बेहतर उपकरण तैयार कर लेते हैं। अपने संबोधन के एक हिस्से में सुप्रीम कमांडर ने रक्षा उद्योग में निरंतर प्रगति के लिए कुछ आवश्यक बिंदुओं को रेखांकित किया और कहा कि रक्षा उद्योग की प्रगति से दुनिया में हमारी रक्षा शक्ति की रैंकिंग में काफ़ी बेहतरी हुई है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम रुक जाएं और वर्तमान स्थिति से संतुष्ट हो जाएं क्योंकि हमने अपना काम शून्य से शुरू किया था और काफ़ी प्रयासों और अहम सफलताओं व उपलब्धियों के बावजूद, कई मामलों में हम अभी भी अग्रिम पंक्ति से पीछे हैं।
उन्होंने कहा कि सैन्य क्षेत्रों में अग्रिम पंक्ति तक पहुंच, दुश्मन के ख़िलाफ़ अधिकतम और निरंतर तैयारी के क़ुरआनी आदेश के अनुसार और शत्रुओं के ख़िलाफ़ देश की रक्षा के लिए ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि सभी सैन्य क्षेत्रों में प्रगति जारी रहनी चाहिए। जैसे अगर किसी समय हमने मिसाइलों के सटीक निशाना लगाने की एक सीमा तय की थी और आज हमें उसे बढ़ाने की ज़रूरत है, तो ऐसा किया जाना चाहिए। अपने संबोधन में इस्लामी क्रान्ति के नेता ने सशस्त्र बलों के विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केन्द्रों को देश की रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शोध की दिशा में बढ़ने की सिफ़ारिश की।इस मुलाक़ात की शुरुआत में, ईरानी रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल अज़ीज़ नसीरज़ादे ने विभिन्न विकसित और नवीन हथियारों की तैयारी की शोध, डिज़ाइनिंग और उत्पादन की प्रक्रिया, रक्षा उद्योग की ग़ैर-सैन्य उपलब्धियों, रक्षा टेक-पार्कों के निर्माण और बेहतर तकनीक वाले अन्य उद्योगों के साथ देश के रक्षा उद्योग की वैज्ञानिक साझेदारी पर एक रिपोर्ट पेश की।