27/03/2024
बहुत से लोग नमाज़ के लफ़्ज़ों के मानी को नहीं समझते या बहुत थोड़ा समझते हैं, वो भी अगर नमाज़ की हालत में और उसके लफ़्ज़ों को अदा करते हुए इस बात की ओर ध्यान रखें कि वो अल्लाह से बात कर रहे हैं तो इसका असर होगा। मतलब ये कि इंसान नमाज़ पढ़ते हुए मानसिक तौर पर हाज़िर रहे और अल्लाह के सामने अपनी हाज़िरी को महसूस करे तो असर होगा।
06/01/2024
बिस्मिल्लाह अर्रहमान अर्रहीम सारी तारीफ़ पूरी कायनात के मालिक के लिए और दुरूद व सलाम हो हज़रत मोहम्मद और उनकी पाक नस्ल ख़ास तौर पर पूरी कायनात के लिए अल्लाह की आख़िरी हुज्जत इमाम महदी पर जिन पर हमारी जाने क़ुरबान हों।
03/02/2023
अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन की पूर्व संध्या पर स्कूली बच्चियों के जश्ने इबादत के प्रोग्राम में रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई शरीक हुए। 3 फ़रवरी 2023 को आयोजित होने वाले इस प्रोग्राम में रहबरे इंक़ेलाब ने अपने मुख़्तसर ख़ेताब में मासूम बच्चियों से बड़ी दिलचस्प और सबक़ आमोज़ गुफ़तुगू की। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की तक़रीर का हिंदी अनुवादः
28/01/2023
हर शख़्स अपनी क्षमता भर नमाज़ से फ़ैज़ हासिल करता है। अलबत्ता इसमें नौजवान और बच्चे सबसे आगे हैं। तवज्जो और ख़ुलूस से पढ़ी जाने वाली नमाज़ से उन्हें सबसे ज़्यादा फ़ायदा हासिल होता है। इमाम ख़ामेनेई 26/01/2023
26/04/2022
दिल सिर्फ़ नमाज़, दुआओं और अल्लाह की याद से पाक होता है। अगर कोई यह समझता है कि इन चीज़ों के बिना ही वह अपने दिल को पाकीज़ा बना सकता है तो वह बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी में है। आधी रातों को रोने से, ग़ौर के साथ क़ुरआन पढ़ने से , सहीफ़ए सज्जादिया की दुआएं पढ़ने से इन्सान का दिल पाकीज़ा बनता है। यह नहीं होता कि हम कहें कि जनाब जाइए अपना दिल साफ़ करके आइए फिर जो जी में आए कीजिए।
ताज़ातरीन