अमेरिकियों को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि ईरान के मामले में धमकियों से कुछ हासिल नहीं होगा। अगर उन्होंने ईरान के अवाम के ख़िलाफ़ कोई दुष्टता की, तो उन्हें सख़्त जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने हिजरी शम्सी साल 1404 के पहले दिन, जुमा 21 मार्च 2025 को तेहरान में विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में पाकीज़ा स्थलों पर जमा होकर दुआ, अहलेबैत से तवस्सुल की परंपरा को, नौरोज़ के सिलसिले में ईरानी राष्ट्र के आध्यात्मिक रुझान की निशानी बताया। उन्होंने पूरे इतिहास में सत्य के मोर्चे की बड़ी कामयाबियों में दुआ और दृढ़ता के असर की व्याख्या करते हुए, पिछले साल को ईरानी अवाम के धैर्य, दृढ़ता और उसकी आध्यात्मिक ताक़त के ज़ाहिर होने का साल बताया।
1404 हिजरी शम्सी साल के पहले दिन 21 मार्च 2025 को अवाम के मुख़्तलिफ़ तबक़ों की सभा से ख़ेताब में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने नए साल के आग़ाज़, रमज़ानुल मुबारक की रूहानियत और नए साल के नारे के सिलसिले में बात की। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने अमरीकी धमकियों का मुंहतोड़ जवाब दिया।