ग़ज़ा में पश्चिमी सभ्यता बेनक़ाब हो गई... 30 हज़ार लोग ज़ायोनी सरकार के हाथों मारे जाते हैं, ये लोग अपनी आँखें बंद कर लेते हैं, जैसे कुछ हुआ ही न हो! इनमें से कुछ तो मदद भी करते हैं, हथियार देते हैं... यह पश्चिम की लिबरल डेमोक्रेसी है, यह न तो लिबरल हैं और न ही डेमोक्रेट, ये झूठ बोलते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
24/02/2024
पश्चिमी सभ्यता ये है। अमरीका और पश्चिम की अमानवीय नीतियों की शर्मनाक स्थिति इस हद को पहुंच गई है कि आपने सुना ही होगा कि अमरीकी एयर फ़ोर्स का अफ़सर आत्मदाह कर लेता है। यानी इस कल्चर में पले बढ़े हुए नौजवान के लिए भी यह बात बहुत भारी है, उसके ज़मीर को भी चोट पहुंचती है।इत्तेफ़ाक़ से किसी एक शख़्स का ज़मीर जाग गया और उसने आत्मदाह कर लिया। पश्चिमी कल्चर ने अपना परिचय करा दिया, अपने चेहरे से नक़ाब हटा दी, अपनी पोल खोल दी कि वो कितना भ्रष्ट है, कितना गुमराह है, कितना ज़ालिम है।
आयतुल्लाह ख़ामेनेई
28/2/2024