15/07/2023
ईमान की वजह से क़ुरआन की तिलावत सुनना एक ज़िम्मेदारी है और दूसरी बात ‎यह है ‎कि यह ‎ख़ुदा की रहमत के लिए तैयार होने के अर्थ में है। इमाम ख़ामेनेई
06/07/2023
रोज़ाना ज़रूर क़ुरआन पढ़िए। मैं यह नहीं कहता कि मसलन आधा पारा पढ़िए। हर रोज़ आधा पेज, एक पेज, लेकिन छोड़िए मत। पूरे साल कोई दिन ऐसा न गुज़रे कि आपने क़ुरआन न खोला हो और क़ुरआन की तिलावत न की हो। इमाम ख़ामेनेई 23 मार्च 2023
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