जब भी फ़िलिस्तीनी संघर्ष की शानदार तारीख़ लिखी जाएगी, 7 अक्तूबर और 14 अप्रैल का ज़िक्र बहुत बड़ा बदलाव लाने वाले लम्हों के तौर पर होगा। हालांकि अतीत में क़ाबिज़ ज़ायोनी वजूद को रेज़िस्टेंस के फ़्रंट से लगातार चुनौतियां मिल रही थीं, इन दोनों तारीख़ों में वो हुआ जो पैमाने और व्यापकता के लेहाज़ से अब तक अभूतपूर्व रहा है।