सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर अपने शोक संदेश में इमाम ख़ामेनेई:

ज़ायोनी शासन के कमज़ोर और ख़स्ताहाल ढांचे पर रेज़िस्टेंस फ़्रंट के हमले अधिक विनाशकारी होंगे

28/09/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत पर एक शोक संदेश जारी किया है। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का शोक संदेश इस प्रकार है:
25/09/2024
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 25 सितम्बर 2024 की सुबह पवित्र डिफ़ेंस और रेज़िस्टेंस के मैदान में सक्रिय हज़ारों लोगों और सीनियर सैनिकों से मुलाक़ात में थोपी गई जंग की शुरुआत के कारणों पर रौशनी डालते हुए नई बात और कशिश को दुनिया पर शासन करने वाली भ्रष्ट व्यवस्था के मुक़ाबले में इस्लामी गणतंत्र के दो अहम तत्व क़रार दिया।
08/04/2024
जो शिकस्त 7 अक्तूबर को हुई उसकी भरपाई नहीं हो सकती। वो हुकूमत जो सटीक इंटैलीजेंस पर निर्भर है और दावा करती है कि परिंदा पर भी मारे तो उसकी नज़र से पोशीदा नहीं रहता, सीमित संसाधनों वाले एक रेज़िस्टेंस संगठन से शिकस्त खा गई।  इमाम ख़ामेनेई 3 अप्रैल 2024
29/03/2024
यह जो ज़ायोनी हुकूमत इतने सारे सैनिक संसाधनों और दुनिया की ज़ालिम ताक़तों के समर्थन से औरतों और बच्चों का क़त्ले आम कर रही है, इस बात का चिन्ह है कि यह हुकूमत रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ का मुक़ाबला करने और उन्हें शिकस्त देने में सक्षम नहीं है।  इमाम ख़ामेनेई  28 मार्च 2024
26/03/2024
मिल्लते ईरान का सिविलाइज़ेशनल पैग़ाम और ईरानी क़ौम को मोतबर बनाने वाला पैग़ाम दुनिया में ज़ुल्म के मुक़ाबले में उसके साहसिक रेज़िस्टेंस का पैग़ाम है। मुंहज़ोरी और विस्तारवाद के मुक़ाबले में जिसका प्रतीक आज अमरीका और ज़ायोनी हैं।इमाम ख़ामेनेई 25 मार्च 2024
05/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने प्राकृतिक संसाधन सप्ताह और वृक्षारोपण दिवस पर मंगलवार 5 मार्च की सुबह 3 पौधे लगाए।
05/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने प्राकृतिक संसाधन सप्ताह और वृक्षारोपण दिवस पर मंगलवार 5 मार्च की सुबह 3 पौधे लगाए जिनमें एक ज़ैतून का पौधा था जो फ़िलिस्तीनी क़ौम के रेज़िस्टेंस की क़द्रदानी का चिन्ह है।
17/10/2023
गर यह जुर्म जारी रहा तो मुसलमानों का सब्र ख़त्म हो जाएगा, प्रतिरोध फ़ोर्सेज़ का सब्र ख़त्म हो जाएगा, फिर कोई भी उन्हें रोक नहीं पाएगा। यह बात जान लें।
26/04/2023
फ़िलिस्तीनी अवाम के भीतर से होने वाला यह प्रतिरोध, इस बदलाव की अस्ल वजह है। जितना ज़्यादा प्रतिरोध होगा, इस्राईल उतना ही कमज़ोर होता जाएगा, उसकी तबाही और ज़ाहिर होती जाएगी। इमाम ख़ामेनेई 
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