परवरदिगार! मुहम्मद व आले मुहम्मद का वास्ता, तुझे तेरी इज़्ज़त व जलाल का वास्ता, अपना बेहतरीन दुरूद, अपना लुत्फ़ और फ़ज़्ल आज से लेकर हमेशा हमारे प्यारे रसूल की पाकीज़ा रूह पर नाज़िल फ़रमा। परवरदिगार! हमें उनका उम्मती क़रार दे। हमें उनके सीधे रास्ते पर चलने की तौफ़ीक़ दे। हमारे समाज को उनके समाज जैसा बना दे। हम सब को उनके नक़्शे क़दम पर चलने का हौसला दे।
इमाम ख़ामेनेई
18 मई 2001
ख़ानदाने रसूल के अनमोल मोती फ़ातेमा ज़हरा, सिद्दीक़ए ताहेरा सलामुल्लाह अलैहा की शहादत। “75 दिन वाली रिवायत” के मुताबिक़ ये दिन हज़रत फ़ातेमा की शहादत के दिन हैं। इन दिनों में हज़रत अली अलैहिस्सलाम का दिल टूटा हुआ है, सीना ग़म और दर्द से भरा हुआ है। मगर उनके इरादे और हिम्मत व हौसले में कोई कमज़ोरी नहीं है। यह हमारे और आपके लिए सबक़ है।
इमाम ख़ामेनई
24 फ़रवरी 2016