29/07/2022
200 साल से पश्चिम यही कह रहा है कि औरत अख़लाक़ी, दीनी और लेबास की क़ैद से अगर आज़ाद न हो तो तरक़्क़ी नहीं कर पाएगी। इल्मी, समाजी और सियासी मक़ाम पर नहीं पहुंच पाएगी। ईरानी महिलाओं ने इसे ग़लत साबित किया। अहम और संवेदनशील केन्द्रों में महिला वैज्ञानिक योगदान दे रही हैं। इमाम ख़ामेनेई 27 जुलाई 2022
21/07/2022
ईरान का स्टैंड सीरिया पर फ़ौजी कार्यवाही का विरोध और उसकी रोकथाम पर ताकीद है। सीरिया के ‎तअल्लुक़ से एक और अहम मसला पूर्वी फ़ुरात के उपजाऊ और तेल संपन्न इलाक़े पर अमरीकियों ‎का क़ब्ज़ा है और उन्हें इस इलाक़े से बेदख़ल करके इस मसले को हल किया जाना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 19 जुलाई 2022
20/07/2022
सीरिया के उत्तरी इलाक़ों पर हमला सीरिया, तुर्की और पूरे इलाक़े के लिए नुक़सानदेह और आतंकियों के लिए फ़ायदेमंद होगा और यह कार्यवाही हुई तो सीरिया की तरफ़ से अपेक्षित राजनैतिक प्रक्रिया भी अमली जामा नहीं पहन सकेगी। इमाम ख़ामेनेई 19 जुलाई 2022
08/07/2022
रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने अपने हज के संदेश में एकता व रूहानियत को हज के दो बुनियादी स्तंभ और इस्लामी उम्मत की इज़्ज़त व सआदत के दो अहम कारक बताया और इस्लामी जागरूकता व आत्म विवेक के फैलाव और प्रतिरोध के आश्चर्यचकित कर देने वाले कारक के सामने आने के रौशन नतीजों पर ज़ोर देते हुए कहाः घमंडी पश्चिम हमारे संवेदनशील इलाक़े और हालिया दिनों में पूरी दुनिया में दिन ब दिन कमज़ोर हुआ है लेकिन दुश्मन की चालों की तरफ़ से एक पल के लिए भी ग़ाफ़िल नहीं रहना चाहिए और अपनी कोशिश, जागरूकता, आशा और आत्म विश्वास में, जो भविष्य के निर्माण के लिए सबसे बड़ी पूंजी है, इज़ाफ़ा करते रहना चाहिए। रहबरे इंक़ेलाबे इस्लामी का पैग़ामे हज, मुशरेकीन से बराअत के प्रोग्राम में, हज व ज़ियारत के मामलों में उनके प्रतिनिधि और ईरानी हाजियों के सरपरस्त हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन नव्वाब ने मैदाने अरफ़ात में पढ़ कर सुनाया।
29/06/2022
दुश्मनों ने इन चार दशकों में हमारी कमज़ोरियों और ख़ामियों से बड़ी उम्मीद लगा रखी थी लेकिन उन्हें बार बार मायूसी हाथ लगी। उनकी मुश्किल यह रही कि इस मायूसी की बुनियादी वजह उनकी समझ में नहीं आई। दुश्मन समझ ही न सके कि दुनिया में राजनैतिक समीकरणों और संबंधों के अलावा कुछ दूसरे समीकरण और संबंध भी मौजूद हैं और वो अल्लाह के क़ानून हैं। इमाम ख़ामेनेई 28 जून 2022
22/06/2022
दीन इत्तेहाद का सबब है, प्रगति का कारण है, त्याग और बलिदान की वजह है। दीन के जज़्बे ने क़बीलों को इस अंदाज़ से मैदानों में एक दूसरे के साथ ला खड़ा किया। जातीय फ़र्क़ वग़ैरा को जुदाई की वजह नहीं बनने दिया, मतभेद पैदा नहीं होने दिया इमाम ख़ामेनेई 21 जून 2022
20/06/2022
दूसरे मुल्कों की स्वाधीनता और संप्रभुता अमरीका व पश्चिम के निशाने परअमरीका और पश्चिमी देश, पूर्वी और पश्चिमी एशिया समेत अलग-अलग इलाक़ों में अपने रसूख़ का दायरा बढ़ाने ‎और दूसरे मुल्कों की स्वाधीनता और संप्रभुता पर हमला करने की कोशिश में लगे रहते हैं। ‎#यूक्रेन #UKRAINE इमाम ख़ामेनेई 19 जून 2022
16/06/2022
ईरान और तुर्कमनिस्तान के बीच रिश्तों में विस्तार और गहराई पैदा करना पूरी तरह दोनों मुल्कों के हित में है और पड़ोसी देशों से दोस्ताना रिश्तों को मज़बूत बनाना इस्लामी गणराज्य ईरान की पालीसी है। इमाम ख़ामेनेई 15 जून 2022
03/06/2022
ज़ालिम के हाथ में शासन आ जाए तो दुनिया को तबाही की तरफ़ ले जाता है और अगर हम निचले दर्जों की तरफ़ आएं तब भी एक आम इंसान के हाथ में ताक़त और शासन हो  उस सरज़मीन को, जहां उसे इक़तेदार हासिल है, तबाह कर देता है। ताक़त और इक़तेदार तब बुलंदियों की तरफ़ ले जाता है जब वह किसी बुद्धिजीवी के हाथ में हो, बुद्धिमान इंसान के हाथ में हो। मुमकिन है कि एक नौजवान बहुत अच्छा हो, बहुत शिष्ट हो लेकिन धीरे-धीरे ज़ालिम बन जाए। जब ताक़त और सत्ता आपके हाथ में आए तो विनम्र बनने की ज़्यादा कोशिश कीजिए। जब आप किसी समूह के प्रमुख बन जाएं तो विनम्र बनने की ज़्यादा कोशिश कीजिए, इस लिए कि अगर आपने ढिलाई की तो रूहानी ताक़त के मैदान में शैतान आपको ज़मीन पर पटक देगा। इमाम ख़ुमैनी 23 अक्तूबर 1983
15/05/2022
बच्चों को प्रतिरोध का महत्व मालूम होना चाहिए। प्रतिरोध ‎करने वाली क़ौम क्या है? यानी वह क़ौम जो ग़ुडा टैक्स की ‎मांग नहीं मानती। #प्रतिरोध देश की मुश्किलों की अकसीर ‎है। क़ौम के अंदर सीना ज़ोरी का मुक़ाबला करने की ताक़त ‎होनी चाहिए। यह चीज़ बचपन से हमारे वुजूद में बिठा दी ‎जानी चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 11 मई 2022
15/05/2022
ज़ायोनियों के क़दम जहां भी पड़ते हैं वे करप्शन फैलाते हैं और वे दूसरे देशों को किसी तरह की ताक़त और फ़ायदा ‎नहीं पहुंचा सकते। इसलिए हम क्षेत्रीय देशों को चाहिए कि जहां तक मुमकिन हो आपसी सहयोग और समन्वय से ‎अपने रिश्तों को मज़बूत करें। इमाम ख़ामेनेई 11 मई 2022
09/05/2022
#सीरिया से सहयोग बढ़ाने के सिलसिले में #ईरान की सरकार के जज़्बे और पुख़्ता इरादे के मद्देनज़र यह कोशिश होनी चाहिए कि दोनों देशों के रिश्ते अतीत से ज़्यादा बुलंदियों पर पहुंचें।  इमाम ख़ामेनेई 8 मई 2022
29/04/2022
फ़िलिस्तीन मज़लूम भी है और ताक़तवर भी। मैंने कई साल पहले यही बात ईरान के सिलसिले में कही थी। आज फ़िलिस्तीन वाक़ई ताक़तवर बन चुका है। फ़िलिस्तीनी नौजवान फ़िलिस्तीन का विषय भुला दिए जाने का मौक़ा नहीं दे रहे हैं। दुश्मन के अपराधों के सामने डटकर खड़े हैं।
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