औरत के हेजाब करने में, औरत के अपने लिए हेजाब को अपनाने में, औरत की इज़्ज़त और एहतेराम है। हेजाब औरत के लिए सुरक्षित माहौल बनाता है। (पश्चिमी सभ्यता में) इस सीमा को तोड़ दिया गया है। और अब भी दिन ब दिन इस सीमा को लांघने का क्रम जारी है और इसको अलग अलग नाम भी देते जा रहे हैं, इस मसले ने सबसे पहला ख़राब असर यह पैदा किया कि परिवार और घर उजड़ गया है, फ़ैमिली की बुनियाद कमज़ोर हो गई। जब किसी समाज में फ़ैमिली उजड़ जाए तो उस वक़्त उस समाज में बुराइयां अपनी जड़ें फैलाना शुरू कर देती हैं।
इमाम ख़ामेनेई
01/05/2013