घर, जिस्म और आत्मा के चैन व सुकून की बेहतरीन जगह है, शारीरिक व मानसिक थकन को दूर करने का बेहतरीन केन्द्र है, अपनाइयत का सबसे ज़्यादा वास्तविक माहौल है, परिवार से ज़्यादा किसी भी जगह अपनाइयत की कलपना नहीं की जा सकती और न ही कहीं पायी जाती है। घरदारी करने वाली औरतों ने सबसे बड़ी सेवा की है। यह बात बहुत अहम है कि जिन औरतों ने घरदारी को प्राथमिकता दी है, उनकी सेवा की अहमियत को समझा जाए। हालांकि घर से बाहर की सेवा भी औरतों के ज़िम्मे रही हैं और रहेंगी और इसमें कोई हरज भी नहीं है, लेकिन घर, औरतों की ओर से सेवा का सबसे अहम कार्यक्षेत्र है इमाम ख़ामेनेई 03/02/2021
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