हम ने जिस व्यक्ति को कोई बुरा काम करते नहीं देखा है हम उसकी आम और सामान्य बात पर भरोसा करते हैं। जबकि वह एक इंसान से ज़्यादा कुछ नहीं है। मुमकिन है वह बाद में मुकर जाए, लेकिन हम भरोसा कर लेते हैं। अब देखिए कि अल्लाह ने मोमेनीन से कितने वादे किए हैं, मदद का वादा, हिदायत का वादा, तालीम का वादाः ख़ुदा (की नाफ़रमानी) से डरो और अल्लाह तुम्हें सही रास्ते की तालीम देगा। (सूरए बक़रह आयत 282) हिफ़ाज़त और देखभाल का वादा, दीन के मामलों में मदद का वादा, ख़ुदा ने हम से इतने ज़्यादा वादे किए हैं। यक़ीनन इन वादों में कुछ शर्तें भी हैं और यह शर्तें बहुत कठिन भी नहीं हैं, हम उन्हें पूरा कर सकते हैं। इमाम ख़ामेनेई 27 जुलाई 2009