सीरिया में सिविल वार की आग, जिसके शोले सन 2011 में भड़के थे, बड़ी तेज़ी से विश्व की बड़ी ताक़तों के हस्तक्षेप के मैदान में बदल गयी। इस संकट में बुनियादी और क्रूर रोल अदा करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त अमरीका था। वह अमरीका जो सीरिया में लोकतंत्र के समर्थकों का साथ देने के नारे के साथ मैदान में आया था, उसने व्यवहारिक तौर पर उन गुटों का सपोर्ट किया जिनका स्वरूप पूरी तरह आतंकवादी था। चाहे वह सन 2014 से सन 2017 के दरमियान की मुद्दत हो जब उसने आतंकवादी गुट दाइश को बनाकर या कम से कम उसका सपोर्ट करके सीरिया को संकट और अशांति में ढकेल दिया और चाहे आज कल का वक़्त हो जब वह एक नई सिविल वार की साज़िश और अलक़ाएदा गिरोह से जुड़े आतंकवादियों को गुप्त रूप से मज़बूत करके सीरिया के टुकड़े टुकड़े करने के चक्कर में है।
शायद बरसों पहले, किसी आतंकवादी गुट को अमरीका की ओर से सपोर्ट मिलने की बात करना, एक कान्सपिरेसी थ्योरी लगती लेकिन हालिया बरसों में बहुत से पश्चिमी राजनेताओं ने इस बात को मान लिया है और अब तो क्षेत्र में आतंकवादी गुटों से अमरीका के संबंध, एक स्पष्ट हक़ीक़त है।
मिसाल के तौर पर अमरीका के राष्ट्रपति पद के एक उम्मीदवार और ट्रम्प की अगली सरकार में संभावित स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ़ कैनडी ने कुछ महीने पहले अलअरबिया से बात करते हुए कहा थाः "दाइश को हमने बनाया। हमने सीरिया में युद्ध भड़काकर 20 लाख शरणार्थियों को योरोप रवाना किया।" (1) या अमरीकी कान्ग्रेस के सदस्य मिट गेट्ज़ ने कुछ साल पहले कान्ग्रेस में साफ़ शब्दों में इस बात को माना था कि अमरीका ने सीरिया के विद्रोहियों की मदद की है। उन्होंने कहा थाः "कभी कभी वे विद्रोही, जिनका हम असद से जंग के लिए सीरिया में सपोर्ट कर रहे थे, पैसों से मदद कर रहे थे, दाइश का झंडा लहराते थे। इसलिए यह कहना मूर्खतापूर्ण होगा कि हम दाइश को रोकने के लिए सीरिया में हैं, जबकि सीरिया में हमारी मौजूदगी, कुछ मौक़ों पर दाइश के लिए सबसे अच्छा तोहफ़ा रही है।" (2) इसके अलावा क्रेग मोरी जैसे ब्रिटेन के पूर्व राजनयिकों ने सीरिया की मौजूदा स्थिति के संबंध में नया स्टैंड लेते हुए इसे एक "इन्क़ेलाब" नहीं बल्कि क्षेत्र की स्थिरता को तबाह करने के लिए अमरीका की ओर से एक "विदेशी हस्तक्षेप" क़रार दिया है।(3)
अमरीकी समीक्षकों और विशेषज्ञों ने भी इस विषय पर मुख़्तलिफ़ विचार प्रकट किए हैं। मिसाल के तौर पर कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मशहूर प्रोफ़ेसर जैफ़्री साक्स ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में साफ़ तौर पर सीरिया के हालात में अमरीका का हाथ होने की बात कही। उन्होंने कहाः "सीरिया की आज की स्थिति अमरीका और इस्राईल की नीतियों का नतीजा है जिन्होने जान बूझकर एक के बाद एक मुख़्तलिफ़ सरकारों को गिराया है और न सिर्फ़ तबाही बल्कि एक बहुत बड़ा अस्थिर क्षेत्र तैयार कर दिया है। अमरीका ने सन 1979 से लेकर अब तक सुन्नी मुजाहेदीन का सपोर्ट किया है, बालकान, बोस्निया, वेस्ट एशिया और अफ़ग़ानिस्तान वग़ैरह बहुत से इलाक़ों और मुल्कों में उसने यह किया है। सभी के लिए यह जानना बहुत अहम है कि अमरीका, इस्राईल के मुतालबे पर सन 2001 से वेस्ट एशिया में व्यवहारिक तौर पर निरंतर जंग में व्यस्त रहा है।" (4) इस तरह स्काई न्यूज़ अरबी के ऐंकर ने अपनी ताज़ा गुफ़्तगू में सीरिया में मौजूद आतंकवादी गुटों के सरग़नाओं को अमरीका और सीरिया का पिट्ठू बताया और कहा कि ऐसी ख़बरें मौजूद हैं जिनसे पता चलता है कि पूर्वी योरोप के सैन्य सलाहकार, तहरीर अश्शाम के लोगों को ट्रेनिंग देते रहे हैं। अलजूलानी, पहले से ही अलक़ाएदा के दरमियान अमरीकी जासूस के नाम से मशहूर रहा है। सीआईए के पूर्व टीकाकार लैरी जानसन ने भी हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में क्षेत्र के ताज़ा वाक़ए को, युक्रेन की जंग को बढ़ाने के लिए पश्चिम की एक साज़िश बताया और कहा कि आप जानते हैं कि युक्रेन के फ़ौजी,सीरिया में तहरीर अश्शाम के लड़ाकों के साथ मौजूद हैं। आपको क्या लगता है कि वे वहाँ कैसे पहुंचे? अमरीका और ब्रिटेन इस मामले में मदद कर रहे हैं और वही ये काम कर रहे हैं। (5)
ये सारी बातें, सीरिया और वेस्ट एशिया के इलाक़े के भविष्य के लिए अमरीका और इस्राईल के एक संयुक्त थिंक टैंक में तैयार की गयी एक जटिल साज़िश का पता देती हैं। अमरीका की ओर से सीरिया के मूल व बुनियादी ढांचे की 75 जगहों पर बमबारी (6) ज़ायोनी सरकार के ज़रिए सीरिया के 300 संवेदनशील और सैन्य ठिकानों पर बमबारी और तहरीर अश्शाम के सरग़ना की गिरफ़्तारी पर रखे गए 1 करोड़ डालर के इनाम को निरस्त करने में अमरीकी सरकार की जल्दबाज़ी (7) की ख़बर, इस ख़तरनाक साज़िश के अहम सुबूत हैं।
इससे ज़्यादा अजीब बात यह है कि इस वक़्त अमरीकी मीडिया भी पूरी तरह से सरकार का साथ देते हुए सीरिया के भीतर आतंकवादी गिरोहों के अपराधों को छिपाने की कोशिश कर रहा है। अमरीकी मीडिया जान बूझकर और सीरिया के विभाजन की साज़िश और विद्रोहियों के आतंकवादी स्वरूप पर ध्यान दिए बिना, इस मुल्क में होने वाले बदलाव को पूरी तरह पब्लिक क्रांति कह रहा है!
फिर भी अमरीका और उसके मुख्य सहयोगी यानी ज़ायोनी शासन के लिए सीरिया की सिविल वार सुरक्षा और राजनैतिक हितों से हटकर, इस स्थिति से अमरीका को होने वाले आर्थिक लाभ को भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। इन्ही हितों की वजह से अमरीका ने हमेशा ही वेस्ट एशिया के इलाक़े में अपने पैर ज़्यादा से ज़्यादा जमाने की कोशिश की है। अमरीका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कुछ साल पहले फ़ॉक्स न्यूज़ से बात करते हुए इस बात को माना था। उन्होंने कहा थाः "मैंने सीरिया में कुछ फ़ोर्सेज़ भेजीं ताकि वे तेल पर क़ब्ज़ा कर सकें। मैंने सीरिया के तेल पर क़ब्ज़ा किया। सीरिया में हमारी कुछ फ़ोर्सेज़ हैं जो सिर्फ़ तेल पर क़ब्ज़ा कर रही हैं। वे तेल की रक्षा कर रही हैं।" (8)
अंत में समाज के अनेक वर्गों से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के अहम बयान की ओर इशारा ज़रूरी है। उन्होंने सीरिया के हालिया वाक़यों में अमरीका और ज़ायोनी सरकार के खुले रोल की ओर इशारा करते हुए कहाः "जो कुछ सीरिया में हुआ, उसकी साज़िश अमरीका और इस्राईल के कमांड रूम में तैयार की गयी है, इस संबंध में हमारे पास कुछ चिन्ह हैं जिनसे किसी भी तरह के शक व संदेह की गुंजाइश नहीं बचती।" इस बात में शक नहीं कि इस साज़िश में, अमरीकी सरकार, रेज़िस्टेंस मोर्चे की क्षमताओं के सिलसिले में कैलकुलेशन की ग़लती का शिकार है और पिछले कुछ दशकों के दौरान अमरीका की सभी साज़िशों की तरह, यह साज़िश भी निश्चित तौर पर नाकाम होकर रहेगी।
मोहम्मद महदी अब्बासः अमरीकी मामलों के टीकाकार
1. https://english.alarabiya.net/features/2024/02/16/US-2024-elections-Riz-Khan-sits-down-for-interview-with-Robert-F-Kennedy-Jr
2. https://www.c-span.org/video/?526548-3/house-debate-withdrawing-us-troops-syria
3. https://x.com/CraigMurrayOrg/status/1865337217020735556
4. https://www.youtube.com/watch?v=nFEwvjrelD4
5. https://www.youtube.com/watch?v=K_VoYUKELBY
6. https://www.commondreams.org/news/us-bombs-syria-again
7. https://www.middleeasteye.net/news/us-officials-discussed-merits-removing-bounty-hts-leader-abu-mohammad-jolani
8. https://www.politico.com/news/2019/11/13/trump-troops-syria-oil-pentagon-070567