अल्लाह के साथ इंसान के संबंध के लिए नमाज़ से ज़्यादा मज़बूत व स्थायी कोई साधन नहीं है। आम इंसानों का अल्लाह से संपर्क नमाज़ के ज़रिए ही शुरू होता है और सबसे बुलंद मक़ाम पर पहुंचने वाले औलिया भी अपनी नमाज़ में ही अपने महबूब के साथ एकांत का स्वर्ग तलाश करते हैं। ज़िक्र और रहस्य का यह अनमोल ख़ज़ाना कभी ख़त्म होने वाला नहीं है। इमाम ख़ामेनेई 08/10/1991
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