अल्लाह की पाकीज़ा याद में, नापाक दिलों को राह नहीं मिलती, पाकीज़गी ज़रूरी है। अगर दिल अल्लाह की याद से, पहचान से सजा हो तो निश्चित ही दुआ का जवाब मिलेगा। मुझसे दुआ मांगो में मुस्तजाब करुंगा। (सूरए-ग़ाफ़िर, आयत-60) कोई भी दुआ नहीं जिसका जवाब न मिले, जवाब मिलने का यह मतलब नहीं है कि इंसान की इच्छा पूरी ही हो जाएगी, मुमकिन है पूरी हो जाए या मुमकिन है किसी वजह से पूरी न हो लेकिन अल्लाह की ओर से जवाब निश्चित है। अल्लाह की ओर से इस्तेजाबत का मतलब अल्लाह का जवाब, उसकी तवज्जो और ध्यान है।
इमाम ख़ामेनेई
09/07/2000