पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम ज़िन्दगी के आख़िरी लम्हों तक अपने इस रुतबे और महानता के साथ, इस्मत के सबसे ऊंचे दर्जे पर होने के बावजूद, अल्लाह से हमेशा के लिए निकट होने और उसके ज़िक्र में लीन रहने की जिद्दो जेहद करते रहे। यह जिद्दो जेहद आख़िर तक बरक़रार रही, क्योंकि पैग़म्बरे इस्लाम भी दिन ब दिन कमाल की ओर बढ़ रहे थे। इमाम ख़ामेनेई 28/08/2006  
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