आज, अलहम्दो लिल्लाह हमारी क़ौम में 'महदवीयत' और हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के पाक वजूद की ओर ध्यान व लगाव पहले से ज़्यादा है। दिन ब दिन इंसान महसूस कर रहा है, हमारे नौजवानों के मन में, एक एक शख़्स के बीच हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के पाक वजूद से लगाव, इश्क़ व अक़ीदत, ज़िक्र व याद का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। यह भी उस अज़ीम हस्ती की बरकतों में से है। उस अज़ीम हस्ती की निगाहे करम हमारी क़ौम पर है। उस अज़ीम हस्ती की हमारी क़ौम पर करम की निगाह ने ही उनके दिलों को इस रौशन हक़ीक़त की ओर केन्द्रित कर रखा है और ख़ुद यह चीज़ उस अज़ीम हस्ती की ख़ास तवज्जो का पता देती है। इसकी क़द्र करनी चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
17 अगस्त 2008