जो क़ौम अल्लाह पर ईमान और भरोसा रखती है, भविष्य के प्रति उम्मीद से भरी रहती है और ग़ैब के पर्दे में मौजूद हस्तियों से संपर्क में है, वह क़ौम जिसके मन में भविष्य, ज़िन्दगी, अल्लाह की मदद की उम्मीद जगमगा रही है, वह कभी घुटने नहीं टेकेगी, कभी किसी से प्रभावित नहीं होगी और इस तरह की बातों से मैदान नहीं छोड़ेगी। यह इमाम महदी अलैहिस्सलाम पर ईमान रखने की ख़ुसूसियत है (उन पर हमारे हज़ारों सलाम हों)। इमाम महदी अलैहिस्सलाम पर ईमान, इंसान के मन पर भी, उसकी सामाजिक गतिविधियों पर भी, उसके वर्तमान और भविष्य पर भी इस तरह का अज़ीम असर डालती है। इसकी क़द्र व क़ीमत समझना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
07/01/1996