इस मजलिस में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई और सीमित संख्या में लोगों ने भाग लिया।

मजलिस की शुरुआत दुआए तवस्सुल से हुई जिसे जनाब महदी समावाती ने पढ़ा। इसके बाद हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सिद्दीक़ी ने मजलिस को संबोधित किया और आख़िर में जनाब सईद हद्दादियान ने हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (अ.स.) के मसाएब बयान किए और नौहा व मर्सिया पढ़ा।