जहाँ तक इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम के बारे में अक़ीदे का संबंध है तो उसके बारे में सिर्फ़ यह बताना है कि धार्मिक आस्थाओं और शिक्षाओं के कुछ सबसे अहम आधारों में से एक यही अक़ीदा है, जैसे कि पैग़म्बरी का अक़ीदा। इमाम महदी अलैहिस्सलाम के बारे में अक़ीदे की अहमियत इस तरह की है। क्यों? इस लिए कि ये अक़ीदा जिस चीज़ की ख़ुशख़बरी देता है वो वही चीज़ है जिसके लिए सभी नबियों और पैग़म्बरों को भेजा गया। यही लक्ष्य है। इंसान को अल्लाह द्वारा दी गई सभी क्षमताओं का उपयोग करते हुए इंसाफ़ की बुनियाव पर एक एकेश्वरवादी समाज तैयार करना है। इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम के ज़ुहूर का युग इन्हीं विशेषताओं वाला युग होगा। ये एकेश्वरवादी समाज का युग होगा, यह एकेश्वरवाद के वर्चस्व का युग होगा, यह मानव जीवन के हर कोने में धर्म और आध्यात्मिकता के सच्चे शासन का युग होगा, न्याय की पूर्ण स्थापना का युग होगा। स्पष्ट है कि पैग़म्बरों को इसी लक्ष्य के तहत भेजा गया था।

इमाम ख़ामेनेई

9/7/2011