इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मंगल के दिन ईरान के प्रेसिडेंड और कैबिनेट से मुलाक़ात में मौजूदा हुकूमत के एक साल के कामकाज का जायज़ा लेते हुए इकॉनामी को तरजीह देने सहित कुछ सिफ़ारिशें की और कहा कि हर मोड़ पर और हर घटना में ईरान के अवाम ही, इन्क़ेलाब के अस्ली हीरो रहे हैं और यह एक तरह का सबक़ है जिससे मुल्क के ओहदेदारों को यह सीखना चाहिए कि ईरानी क़ौम के साथ कैसा रवैया अपनाया जाए।
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने इस मुलाक़ात में “ इन्क़ेलाब की ताक़त के सामने साम्राज्री ताक़तों की बौखलाहट” “सद्दाम के हवाई हमलों के सामने मुल्क और राजधानी की बेबसी के हालात” “ इन्क़ेलाब के शुरू के बरसों में, पूरे मुल्क में आतंकवादियों की गतिविधियों” “ मुल्क को बचाने के लिए पाकीज़ा लड़ाई और दूसरे मोर्चों पर दुश्मनों से मुक़ाबले में क़ौम के अहम रोल” और “ विभिन्न अवसरों और रैलियों में अवाम की भरपूर और सराहनीय मौजूदगी” को उन चीज़ों में बताया जिन्हें हमेशा मुल्क के लोगों को याद रखना चाहिए।
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने अपने बयान में मुल्क के अवाम के दिलों में उम्मीद और भरोसा पैदा करने को हुकूमत की सब से अहम कामयाबी बताया और कहा कि मुल्क के अवाम देख रहे हैं कि हुकूमत मैदान में है और उनकी मुश्किलें दूर करने और उनकी ख़िदमत के लिए कोशिश और मेहनत कर रही है और यह सच्चाई लोगों के दिलों में काफ़ी हद तक उम्मीद और भरोसा पैदा करने में कामयाब हुई है।
उन्होंने कैबिनेट के प्रांतों के दौरों को बहुत अच्छा और अहम काम बताया और कहा कि हुकूमत बनने के पहले बरस ही मुल्क के 31 सूबों का दौरा किया गया है और इनमें दूर दराज़ और पिछड़े सूबे भी शामिल हैं इसके साथ ही सरकार ने कामों पर क़रीब से निगरानी रखी है और वह अवाम के साथ जुड़ी हुई है, यह सब हुकूमत की कामयाबियां हैं।
सुप्रीम लीडर ने प्रेसिडेंट और दूसरे ओहदेदारों की बार बार आम लोगों के बीच आवाजाही को बहुत ज़्यादा फ़ायदेमंद और असरदार बताया और कहा कि यक़ीनी तौर पर अवामी हुकूमत का मतलब सिर्फ़ अवाम में जाना नहीं है, बल्कि सही प्रोग्रामों और अलग अलग लोगों के नज़रिये से फ़ायदा उठाते हुए इकॉनामिक, सियासी और दूसरे मैदानों में अवाम की भागीदारी का माहौल बनाया जाना चाहिए।
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने, “ दूसरों और मुल्क से बाहर किये जाने वाले फ़ैसलों के इंतेज़ार“ की हालत से मुल्क के अवाम को बाहर निकालने और “ मुल्क के अंदर की अपनी गुंजाइशों को अहम समझने“ को मौजूदा सरकार की दूसरी अहम कामयाबी बताया।
उन्होंने कहा कि यह जो कहा जाता है कि मिसाल के तौर पर उस मुल्क से ताल्लुक़ात बना लेना चाहिए ताकि हमारी मुश्किलें ख़त्म हो जाएं तो यह मुल्क के लिए बहुत ज़्यादा नुक़सान पहुंचाने वाला तरीक़ा है। मुल्क की प्राब्लम्स के हल के लिए दूसरों के भरोसे रहना और दूसरों का इंतेज़ार करना बहुत बुरी बात है।
सुप्रीम लीडर ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मौजूदा हालात में, मुल्क की पहली तरजीह, इकॉनामी है और पैदावार, मुल्क की इकॉनामी में सब से अहम तरजीह है।
सुप्रीम लीडर ने युक्रेन में जंग के बाद, फूड क्राइसिस का ज़िक्र करते हुए खेती के मैदान में पैदावार पर चर्चा की और फ़ूड सिक्योरिटी को बहुत ज़्यादा अहम बताया। उन्होंने गेंहू जैसी बुनियादी ज़रूरत की चीज़ों की पैदावार में अपने पैरों पर खड़े होने के लिए अपनी पहले की बार बार की सिफ़ारिशों का ज़िक्र किया और कहा कि फ़ूड सिक्योरिटी सब से ऊपर रहने वाला मुद्दा है और उसकी तरफ़ से लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।
इस मुलाक़ात की शुरुआत में प्रेसिडेंट सैयद इब्राहीम रईसी, डिप्टी प्रेसिडेंट मुहम्मद मुख़बिर और कैबिनेट के दूसरे मेंबरों ने सरकार के कामों की रिपोर्ट पेश की।