तमाम धर्मों का बुनियादी लक्ष्य इंसाफ़ क़ायम करना है। अल्लाह फ़रमाता है कि हमने पैग़म्बरों को भेजा, आसमानी ग्रंथ भेजे ‘ताकि लोग इंसाफ़ पर क़ायम हों’ (सूरए हदीद आयत 25)। तो असली लक्ष्य यह था कि लोग न्याय क़ायम करें और समाज इंसाफ़ के आधार पर काम करने वाला समाज बन जाए। हम इन मैदानों में पीछे हैं। काफ़ी कुछ करना है। बड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है।

इमाम ख़ामेनेई

28 अगस्त 2021