24/04/2024
पूरे मुल्क से बड़ी तादाद में आए मज़दूर वर्ग के लोगों ने 24 अप्रैल 2024 को सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
24/04/2024
जिन साहब ने चफ़िया (विशेष गमछा) उठा रखा है और उस पर लिखा है "अंगूठी", अगर उन साहब को अंगूठी चाहिए तो आएं और ले लें।
24/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 24 अप्रैल 2024 को श्रमिक व कामगार सप्ताह के अवसर पर देश के श्रमिक वर्ग के लोगों से ख़ेताब किया। (1)
02/05/2023
काम की अहमियत से मज़दूर की अहमियत समझी जा सकती है। काम, समाज की ज़िन्दगी है, काम, लोगों की ज़िन्दगी में रीढ़ की हड्डी की तरह है, काम न हो तो कुछ भी नहीं है।
01/05/2023
मुल्क की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी प्रोडक्शन है और प्रोडक्शन की रीढ़ की हड्डी मज़दूर है। हमें मज़दूर यानी इस रीढ़ की हड्डी को कमज़ोर नहीं होने देना चाहिए।
29/04/2023
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता ने मज़दूरों, मज़दूर यूनियन के प्रतिनिधियों, कोआप्रेटिव्ज़, लेबर व सोशल वेल्फ़ेयर व लेबर मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाक़ात की।
29/04/2023
दुश्मनों ने लेबर वर्ग को ईरान की हुकूमत के ख़िलाफ़ उकसाने की बड़ी कोशिशें कीं मगर नाकाम रहे। बेशक मज़दूर तबक़ों में कुछ एतेराज़ थे और वो सही एतेराज़ भी थे लेकिन मज़दूर तबक़े ने दुश्मन से अपनी दूरी क़ायम रखी और दुश्मन को एतेराज़ का ग़लत फ़ायदा उठाने का मौक़ा नहीं दिया। इमाम ख़ामेनेई  29 अप्रैल 2023
29/04/2023
काम और मेहनत समाज की ज़िंदगी है। काम न हो तो कुछ नहीं होगा। खाना, लेबास और वह सामान जो हम ज़िंदगी में इस्तेमाल करते हैं सब कुछ काम से तैयार होता है। काम कौन करता है? लेबर। तो फिर मज़दूर की कितनी अहमियत है? लेबर की अहमियत समाज की ज़िंदगी के महत्व के बराबर है।  इमाम ख़ामेनेई 29 अप्रैल 2023
29/04/2023
मुल्क की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी प्रोडक्शन है और प्रोडक्शन की रीढ़ की हड्डी लेबर है। हमें लेबर वर्ग को कमज़ोर नहीं होने देना चाहिए। प्रोडक्शन के विस्तार का बड़ा हिस्सा लेबरों पर निर्भर है।  इमाम ख़ामेनेई 29 अप्रैल 2023
29/04/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मई दिवस और लेबर सप्ताह के अवसर पर देश की लेबर सोसायटी के लोगों से मुलाक़ात की। 29 अप्रैल 2023 को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में होने वाली इस मुलाक़ात में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने देश, समाज और अर्थ व्यवस्था में लेबर सोसायटी के महत्व, भूमिका, ज़िम्मेदारियों और उनके अधिकारों पर रौशनी डाली। (1)