हिज़्बुल्लाह के कमांडर शहीद फ़ुआद शुक्र की बेटी आदरणीय ख़दीजा शुक्र ने वेबसाइट Khamenei.ir को विशेष इंटरव्यू में अपने पिता, उनके संघर्ष, हिज़्बुल्लाह में उनका शामिल होने, उनके रोल और उनकी शहादत के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा कि अगर ज़ायोनी शासन का लक्ष्य हिज़्बुल्लाह का अंत था, तो हालिया तजुर्बे से साबित हुआ कि कमांडरों की शहादत, हथियारों के भंडारों के नेष्ट होने और हिज़्बुल्लाह के बड़ी तादाद में शहीदों, आम नागरिकों को होने वाने नुक़सान के बावजूद, उसका कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। दुश्मन न तो रेज़िस्टेंस को ख़त्म कर पाया और न ही उसके जनाधार को कमज़ोर कर सका। यह हक़ीक़त सैयद हसन के अंतिम संस्कार में साफ़ तौर पर नज़र आयी।