01/05/2024
ग़ज़ा, दुनिया का सबसे बड़ा मुद्दा है। हमें इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दुनिया के लोगों की नज़रों से हटने नहीं देना चाहिए, ये मुद्दा नंबर एक की पोज़ीशन से दुनिया के लोगों की नज़रों से हटने न पाए।
01/05/2024
अगर बीस साल और तीस साल बाद तक इस हुकूमत को बचाए रखना चाहें, कि जो उनके बस की बात नहीं है, तो भी मुश्किल हल होने वाली नहीं है। मुश्किल तब हल होगी जब फ़िलिस्तीन उसके अस्ली मालिकों को वापस मिल जाए।
28/04/2024
आज हमारी आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के काम की बरकत से, अल्लाह की कृपा से दुनिया में मुल्क की छवि तारीफ़ के क़ाबिल हो गयी है।
24/04/2024
जिन साहब ने चफ़िया (विशेष गमछा) उठा रखा है और उस पर लिखा है "अंगूठी", अगर उन साहब को अंगूठी चाहिए तो आएं और ले लें।
24/04/2024
ईरान ने कड़ी पाबंदियों के दौरान भी आधुनिक हथियार वो भी इतनी तादाद में तैयार कर लिए! वो इससे भी ज़्यादा तैयार कर सकता है, इससे भी बेहतर तैयार कर सकता है।
22/04/2024
इक़बाल अगर आज ज़िंदा होते तो वो एक ऐसी क़ौम को अपनी आँखों के सामने पाते जो अपने क़दमों पर खड़ी है; क़ौम परस्ती, राष्ट्रवाद और ग़ैर ज़रूरी वतनपरस्ती की चहारदीवारी में ख़ुद को क़ैद नहीं करती और इक़बाल की ऐसी ही दूसरी आरज़ूएं जो उनकी क़ीमती किताबों में हर जगह मौजूद हैं, उनको वो क़ौम यहाँ नज़र आती।
22/04/2024
सबसे अहम विषय अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ईरानी क़ौम और ईरानी फ़ोर्सेज़ के इरादे की ताक़त का उदय है। ये अहम है और ये हुआ है।
13/04/2024
इस साल रमज़ान के महीने में ग़ज़ा के ख़ूंरेज़ वाक़यात ने सारी दुनिया में मुसलमानों को रंजीदा कर दिया। अल्लाह की लानत हो क़ाबिज़ ज़ायोनी हुकूमत पर। ज़ायोनी हुकूमत ने एक और ग़लती अपनी ग़लतियों में बढ़ा ली और वो सीरिया में ईरान की काउंसलेट पर हमला था। घटिया हुकूमत को सज़ा मिलेगी।
12/04/2024
पश्चिमी हुकूमतों ने अपने फ़रीज़े पर अमल नहीं किया। किसी ने ज़बानी कोई बात कह दी। लोगों के सपोर्ट में लेकिन अमली तौर पर न सिर्फ़ यह कि उन्होंने रोका नहीं बल्कि उनमें ज़्यादातर ने मदद भी की।
13/04/2024
ख़ुद दुष्ट हुकूमत ने जो सिर से पैर तक घटिया हरकतों, दुष्टता और ग़लती से भरी हुयी है एक और ग़लती अपनी ग़लतियों में बढ़ा ली और वो सीरिया में ईरान की काउंसलेट पर हमला था।
10/04/2024
तेहरान के इमाम ख़ुमैनी मुसल्ला में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई की इमामत में ईदे फ़ित्र की नमाज़ पढ़ी गयी।
09/04/2024
रहमान अल्लाह की आम रहमत है जिसका दायरा संसार की सभी चीज़ों पर फैला हुआ है लेकिन कम मुद्दत के लिए यानी क़यामत से पहले तक, रहीम यानी अल्लाह की वो रहमत जो मोमिनों से मख़सूस है और किसी ख़ास वक़्त तक सीमित नहीं है बल्कि हमेशा है।
08/04/2024
अल्लाह से माफ़ी के लिए सिर्फ़ दुआ ज़रूरी नहीं है, अमल भी ज़रूरी है। वो अमल क्या है? गुनाहों से तौबा, इस्तेग़फ़ार, गुनाह को छोड़ना और भविष्य में दोबारा न करने का संकल्प, अमल ये चीज़ें हैं।
07/04/2024
सभी लोगों को सचेत करता हूं कि चौकन्ना रहिए कहीं आपका दिल टेढ़ा न हो जाए, अगर हम व्यवहारिक तौर पर टेढ़े हो गए तो अल्लाह भी हमारे दिल को टेढ़ा कर देगा, हमारा बुरा कर्म, हमारे दिल को बुरा बना देगा।
07/04/2024
हम आपको बहुत चाहते हैं, आप ख़ुशनसीब हैं कि नाचीज़ को देखते हैं और चाहते हैं, मैं आप लोगों को नहीं देखता लेकिन आप सबको चाहता हूं।
06/04/2024
ख़ुदा फ़रामोशी की सज़ा, ख़ुद फ़रामोशी है। ख़ुद फ़रामोशी यानी आत्म सुधार को भूल जाना, यानी अपने ऐबों को भूल जाना, ख़ुद फ़रामोशी यानी अपनी सलाहियतों को भुला देना और अपने भीतर पाए जाने वाले विकास, तरक़्क़ी, निखार और उत्थान को भूल जाना है।
06/04/2024
इंसान जब ख़ुद अपना हिसाब किताब करता है और अपने ऐबों को देखता है तो शर्मिंदा होता और उन्हें ठीक करने की कोशिश करता है। कम से कम अल्लाह का डर उसके दिल में पैदा होता है। ये वो चीज़ें हैं जो इंसान के लिए उत्थान का सबब हैं।
05/04/2024
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने सीरिया में ईरान की काउंसलेट पर ज़ायोनी शासन के आतंकी हमले के सात शहीदों की नमाज़े जनाज़ा पढ़ाई।
05/04/2024
इस साल का क़ुद्स दिवस एक अंतर्राष्ट्रीय एलाने मुख़ालेफ़त होगा क़ाबिज़ ज़ायोनी हुकूमत के ख़िलाफ़ यानी इस साल अगर पिछले वर्षों में क़ुद्स दिवस सिर्फ़ इस्लामी देशों में मनाया जाता था तो इस साल पूरी संभावना है कि ग़ैर इस्लामी देशों में भी  क़ुद्स दिवस इंशाअल्लाह अज़ीम पैमाने पर मनाया जाएगा।
04/04/2024
क़यामत की तरफ़ तवज्जो, फ़रेब देने वाली, धोखा देने वाली दुनिया से दामन छुड़ाना और मौत आने से पहले उसके लिए तैयार रहना, पाक दिल की निशानियां हैं।
03/04/2024
अगर सारे बच्चों को भी क़त्ल कर दिया तो कोई ग़म नहीं फ़िरऔन को क़त्ल करने के लिए मूसा ज़िंदा रहेगा
04/04/2024
ये शिकस्त यक़ीनन जारी रहेगी, ये नाकाम कोशिशें भी, जैसे ये हरकत जो उन्होंने सीरिया में की, अलबत्ता इसका ख़मियाज़ा उन्हें भुगतना पड़ेगा, इस तरह की हरकतें उनके काम नहीं आएंगी।
02/04/2024
जब इंसान अपनी ओर से चौकन्ना रहता है तो वो दीनदार होता है, लेकिन जैसे ही वो अपनी ओर से ग़ाफ़िल होता है, ख़ुद पर अपना अख़्तियार खो देता है और फिर धीरे-धीरे दीन से बाहर निकल जाता है।
01/04/2024
हमारा ध्यान रहे, हमें बिना हड्डी के फिसलने वाले इस शारीरिक अंग ज़बान की ओर से चौकन्ना रहना चाहिए और जान लेना चाहिए कि ये बहुत अहम है।
31/03/2024
सिर्फ़ ईमान काफ़ी नहीं है, तक़वा ज़रूरी है। तक़वा न हो तो ईमान भी ख़तरे में पड़ जाएगा। तक़वा न हो तो मुमकिन है कि तुम अल्लाह के कलाम को भी न समझ पाओ।
30/03/2024
जहाँ तक हो सके नमाज़े शब पढ़िए, नमाज़े शब छूटने ने पाए। जवानी का ये मौक़ा जो आपके पास है, दोबारा नहीं मिलता इससे अल्लाह से मोहब्बत के लिए फ़ायदा उठाइये।
29/03/2024
जो मस्जिद में दूसरों से पहले पहुंचने की कोशिश करते हैं, क़यामत के दिन अपने कांधों पर परचम उठाए सारे लोगों से पहले स्वर्ग में जाएंगे।
29/03/2024
इस छह महीने की जंग में ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन के अवाम की प्रतिष्ठा और दृढ़ता का चरम  बिंदु और ज़ायोनी हुकूमत की नाकामियां एक इलाही वाक़या और हक़ीक़त है।
28/03/2024
पश्चिम के समर्थन से अंजाम पाने वाले ज़ायोनी सरकार के अपराध और दरिंदगी पर ग़ज़ा के अवाम का तारीख़ी सब्र एक अज़ीम हक़ीक़त है जिसने इस्लाम की मर्यादा बढ़ाई।
28/03/2024
अगर हम अल्लाह को मानते हैं तो फिर बिखराव का कोई मतलब ही नहीं है और अगर वैचारिक मतभेद भी है तो उसे सच्चे ईमान और अल्लाह से सच्चे लगाव के साए में छिप जाना चाहिए।
27/03/2024
बहुत से लोग नमाज़ के लफ़्ज़ों के मानी को नहीं समझते या बहुत थोड़ा समझते हैं, वो भी अगर नमाज़ की हालत में और उसके लफ़्ज़ों को अदा करते हुए इस बात की ओर ध्यान रखें कि वो अल्लाह से बात कर रहे हैं तो इसका असर होगा। मतलब ये कि इंसान नमाज़ पढ़ते हुए मानसिक तौर पर हाज़िर रहे और अल्लाह के सामने अपनी हाज़िरी को महसूस करे तो असर होगा।
26/03/2024
मज़लूम फ़िलिस्तीनी बच्ची जिसने अपनी शहादत से पहले एक वसीयतनामा लिखा था और इस वसीयतनामे में ड्राइंग की थी। जो कुछ उसके पास था उसने बख़्श दिया था। इमाम हसन अलैहिस्सलाम की शबे विलादत इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में बच्ची को शेर पढ़कर श्रद्धांजलि दी गई।
26/03/2024
दुनिया का मोह, इच्छाओं के पूरे न होने और हैवानी इच्छाओं और वासनाओं को कुचले न जाने की वजह से इंसान धीरे-धीरे ईमान से कुफ़्र की ओर झुकने लगता है। हमें इस बात की ओर से चौकन्ना रहना चाहिए कि मोमिन होने के बाद हम मुनाफ़िक़ न बन जाएं।
26/03/2024
वाक़ई आप बेमिसाल शख़्सियत के मालिक हैं। आम तौर पर राजनेता और मुल्क चलाने वाले लोग सामाजिक व आर्थिक मामलों पर तो गहरी नज़र रखते हैं मगर शेर व साहित्य की ओर ज़्यादा ध्यान नहीं होता।
25/03/2024
जब भूखा खाना खा लेता है तो जी भर जाता है और जब प्यासा पानी पी लेता है तो जी भर जाता है लेकिन अल्लाह के पैग़म्बर फ़रमाते हैं कि नमाज़ से मेरा जी कभी नहीं भरता।
24/03/2024
जब इंसान दुनिया की नेमतों को अल्लाह की तरफ़ से मिली हुयी नेमत समझेगा तो उन्हें ग़रीबों और ज़रूरतमंदों को देने में संकोच से काम नहीं लेगा।
23/03/2024
अगर हम ये सोचें तो ग़लत होता कि जवानी से फ़ायदा उठाने का मतलब, जवानी की भौतिक इच्छाओं का आनंद लेना है, जवानी की सरगर्मियां हैं, जवानी में बेहूदा बातों में पड़े रहना है।
22/03/2024
सहर का वक़्त, अल्लाह से अकेले में बात करने का वक़्त है। हमें इस वक़्त की, इस मौक़े की क़द्र समझना चाहिए, ख़ास कर आप लोगों को जो जवान हैं।
21/03/2024
आप बहुत देखते हैं ऐसे जवानों को जो दुनिया से चले जाते हैं। तो इस सफ़र की मंज़िल निश्चित नहीं है कि आप जो आगे बढ़ रहे हैं, आप का कहाँ तक आगे बढ़ना और कहाँ गिरना तय है।
20/03/2024
हम ख़याल रखें कि अपने काम में, अपनी बातों में, अपने वादों में सच्चे रहें, ये चीज़ अमल से समझ में आती है, ज़िंदगी में होने वाले बदलाव से समझ में आती है।
ताज़ातरीन
देश के अधिकारियों और इस्लामी मुल्कों के राजदूतों से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेताः

इस्लामी मुल्क अपने अधिकारों की रक्षा करें और अमरीका को मुंहज़ोरी का मौक़ा न दें