23/04/2022
अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम की नज़र में शहादत, ख़ुशख़बरी और शुक्र का मक़ाम है। 
22/04/2022
इमाम ख़ामेनेईः नहजुल बलाग़ा आकर्षण की इंतेहा है। अलफ़ाज़ की ख़ूबसूरती और अर्थों का हुस्न है। इंसान दंग रह जाता है। 31 दिसम्बर 1999
21/04/2022
शबे क़द्र में, अपने मुल्क, इस्लामी दुनिया और ज़मीन पर जो लोग हैं, उन सबकी ज़रूरतों पर ध्यान दें। उन सबके लिए शबे क़द्र में एक एक के लिए दुआ करें।
12/04/2022
दिल ख़ुदा की जगह है और नूर का मक़ाम है।
11/04/2022
रमज़ान के महीने में बड़ी बड़ी मुरादें मांगिए!
09/04/2022
रमज़ान ख़तरनाक बीमरियों के इलाज का मौक़ा
07/04/2022
कुछ लोग रमज़ान के महीने में रोज़ा रखने के साथ ही साथ, क़ुरआने मजीद से सीख हासिल करने का काम कई गुना बढ़ा देते हैं।
06/04/2022
रोज़ा अल्लाह की राह में, अल्लाह के लिए और उसकी ख़ातिर रख रहा हूं।
05/04/2022
इस महीने में ख़ुदा अपने बन्दों को अपना मेहमान बनाता है जो दरअस्ल, रूहानी दावत होती है।
04/04/2022
रमज़ान का महीना तौबा और इनाबा का महीना है।
03/04/2022
जिस तरह चौबीस घंटों में नमाज़ के वक़्त इस लिए रखे गये हैं कि इन्सान, कुछ देर के लिए दुनियावी चीज़ों से बाहर आ जाएं, उसी तरह  साल में रमज़ान का महीना भी वह मौक़ा है।
02/04/2022
मोमिन इंसान रमज़ान के पहले दिन इस ख़ास जज़्बे के साथ अल्लाह की मेहमानी में पहुंचता है।
29/03/2022
हमारी क़ौम ने साम्राज्य के मुक़ाबले में झुकने के बजाए प्रतिरोध का रास्ता चुना, यही सही फ़ैसला था। जब हम दुनिया के हालात को देखते हैं तो महसूस होता है कि यह फ़ैसला बिल्कुल दुरुस्त था।
27/03/2022
इन घटनाओं को जब इंसान देखता है, तो महसूस करता है कि दुनिया में कितना ज़ुल्म फ़ैला हुआ है?! इमाम ख़ामेनेई 21 मार्च 2022
20/03/2022
पंद्रह शाबान की रात, ईदों की रात
17/03/2022
इंसानी कारवां के सफ़र के ख़त्म होने की जगह के बारे में आसमानी धर्मों का अक़ीदा और नज़रिया बड़ा उम्मीद बख़्श है। वाक़ई इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़ुहूर का मुंतज़िर रहना, इस्लामी समाज के लिए उम्मीद का दरीचा है। इमाम ख़ामेनेई की स्पीच का एक भाग
12/03/2022
तहरीक और इंक़ेलाब की कामयाबी का राज़ है लगातार जिद्दोजेहद ... इमाम ख़ामेनेई   17 फ़रवरी 2022
07/03/2022
हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की पैदाइश का दिन अज़ीम दिन है। तीन शाबान की महानता को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की महानता की एक झलक के तौर पर देखने की ज़रूरत है।  इमाम ख़ामेनेई   12 जून 2013
04/03/2022
पैग़म्बरे इस्लाम ने जाहेलियत के दौर के जज़ीरए अरब के लोगों को उम्मते इस्लामी जैसी फ़ज़ीलतों वाली क़ौम में तब्दील कर दिया। इमाम ख़ामेनेई   17 फ़रवरी 2022
03/03/2022
वह पुलिस जिसने तौहीन की है, ख़ुद आकर माफ़ी मांगने पर और इस तस्वीर को शहर में कई जगहों पर दोबारा लगाने की लोगों की मांग मानने पर मजबूर हो जाती है। यह मॉडल, आकर्षक है।  इमाम ख़ामेनेई   17 फ़रवरी 2022
01/03/2022
इल्म, ताक़त है साइंस सच में ताक़त और वर्चस्व है। यह जो मश्हूर शेर है “जो इल्म वाला होगा वह ताक़तवर होगा” वह बिल्कुल सही है। ताक़तवर होगा जो आलिम होगा। साइंस किसी भी मुल्क के लिए ताक़त है, यह मुल्क को ताक़तवर बनाती है। हमने साइंस के बहुत से मैदानों में ऐसी तरक्क़ी की है जिसके बारे में हम इन्क़ेलाब के शुरु में सोच भी नहीं सकते थे। इमाम ख़ामेनेई  17 फ़रवरी 2022
14/02/2022
हज़रत अली (अ.स.) की शख़्सियत वह है कि अगर आप शिया हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, अगर सुन्नी हैं तब भी उनका एहतेराम करेंगे, मुसलमान नहीं हैं तब भी अगर आप इस हस्ती से वाक़िफ़ हैं और उनकी ज़िंदगी के हालात से आगाही रखते हैं तो उनका एहतेराम करेंगे। इमाम ख़ामेनेई, 20 सितम्बर 2016
11/02/2022
बदलाव लाना दीन की सब से बड़ी ज़िम्मेदारी थी। आशूरा का पैग़ाम भी बदलाव और इन्क़ेलाब का पैग़ाम है। हमारे दौर में इस तरह के बदलाव का एक नमूना, ईरान का ‎इस्लामी इन्क़ेलाब है। इस्लामी इन्क़ेलाब के अज़ीम, रहनुमा इमाम ‎खुमैनी ने बदलाव के इस सिलसिले को आगे बढ़ाया और सिर्फ ईरान ‎को ही नहीं बल्कि पूरी इस्लामी दुनिया को बदल कर रखा दिया।
08/02/2022
अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) अपने चचा, भाई और चचेरे भाई के साथ बैठे और एक बाद का अहद किया कि हम इस राह में शहीद हो जाने तक बिना डरे आगे बढ़ते रहेंगे, शहीद हो जाने तक जेहाद करते रहेंगे। इसके बाद अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) फ़रमाते हैं, मेरे यह साथी मुझसे आगे निकल गए और मैं पीछे रह गया। ख़ुदा की क़सम मैं मुंतज़िर हूं।
07/02/2022
हज़रत हम्ज़ा (अ.स.) वाक़ई पैग़म्बरे इस्लाम के मज़लूम सहाबी हैं। इस बड़ी हस्ती को आज तक सही तौर पर पहचाना नहीं गया। उनका नाम ज़्यादा नहीं लिया जाता। उनके बारे में बहुत ज़्यादा मालूमात नहीं है। वह वाक़ई मज़लूम हैं।
03/02/2022
रजब का महीना, रूहानी पाकीज़गी की बहार है। इमाम ख़ामेनेई ‎ ‎20 अप्रैल 2016
02/02/2022
इस्लामी क्रांति की सफलता की 43वीं सालगिरह और इस उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले दस दिन के ‎देश व्यापी ‎जश्न की शुरुआत के अवसर पर इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ‎सैयद अली ख़ामेनेई बहिश्ते ज़हरा नामक क़ब्रस्तान में स्थित इमाम ख़ुमैनी के पवित्र मज़ार पर पहुंचे ‎और ‎नमाज़ व क़ुरआन पढ़ कर, ईरानी राष्ट्र के महान नेता को श्रद्धांजली दी।   इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने 28 जून 1981 की घटना के शहीदों के मज़ारों पर उपस्थित हो कर ‎अल्लाह से उनके दर्जों की बुलंदी ‎की दुआ की। आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई इसके बाद अन्य शहीदों के क़ब्रस्तान, गुलज़ारे शोहदा गए।
29/01/2022
उनका तज़केरा तो क़ुरआने मजीद और मोतबर हदीसों ने किया है। उनकी बहुत सी फ़ज़ीलतों को बयान किया है कि जिन्हें समझने के लिए भी हमें बहुत ज़्यादा सोचने और ग़ौर करने की ज़रूरत है। यह जो रवायत है कि जिबरईल, पैग़म्बरे इस्लाम के स्वर्गवास के बाद हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स.अ.)  के पास आते थे, यह रवायत सही है। इमाम ख़ामेनेई 23 जनवरी 2022
29/01/2022
किस तरह एक बड़ा मिलिट्री कमांडर एक ही वक़्त में सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरण का मोहाफ़िज़ और मेहरबान दोस्त हो सकता है?
22/01/2022
हज़रत ज़हरा पूरी रात इबादत और गिरया करती हैं। इमाम हसन अ.स. सवाल करते हैं कि आपने पूरी रात इबादत की और सिर्फ़ दूसरों के लिए दुआ की। हज़रत ज़हरा स.अ. कहती हैं कि बेटा पहले पड़ोसी फिर घर वाले। इमाम ख़ामेनेई 15 फ़रवरी 2020
15/01/2022
एनीमेशनः ‘इंतेक़ाम यक़ीनी है’ दरअस्ल शहीद सुलैमानी के क़त्ल का हुक्म देने वालों और इसे ‎अंजाम देने वालों से इंतेक़ाम के इरादे और संकल्प को बयान करता है। पिछले साल इस्लामी क्रांति ‎के सर्वोच्च नेता की वेबसाइट KHAMENEI.IR ने इसी शीर्षक के साथ एक पोस्टर प्रकाशित किया था। हाल ही में वेबसाइट की तरफ़ से जनरल सुलैमानी के क़ातिलों से इंतेक़ाम के विषय में ‘चैंपियन’ के नाम से एक ‎प्रतियोगिता रखी गई थी। इस प्रतियोगिता का विजेता एनीमेशन प्रकाशित किया जा रहा है।