जिस तरह इंसान का जिस्म सेल्स से बना है और सेल्स में ख़राबी या बीमारी जबरी या स्वाभाविक तौर पर जिस्म की बीमारी समझी जाती है और अगर सेल्स तेज़ी से ख़राब होने लगें और बदन के ख़तरनाक हिस्सों तक पहुंच जाएं तो पूरे बदन के लिए ख़तरा पैदा हो जाता है, इसी तरह समाज भी यूनिटों से बनता है और यह यूनिट फ़ैमिली है। हर फ़ैमिली सामाजिक ढांचे की एक सेल और एक स्तंभ है। जब तक यह फ़ैमिली स्वस्थ है और जब तक यह सही तरह से व्यवहार कर रही है समाज का ढांचा और बदन स्वस्थ रहेगा। इमाम ख़ामेनेई 29 मई 2002
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