शादी का मतलब दो वजूदों का एक साथ ज़िन्दगी में एक दूसरे को समझना और आपस में मोहब्बत है, अलबत्ता यह एक स्वाभाविक सी बात है लेकिन इस्लाम ने जो तरीक़े, रस्म रवाज और उसूल तय किए हैं और शादी के लिए जो हुक्म बयान किए हैं उनके ज़रिए इस रिश्ते में बर्कत और मज़बूती दी है, मियां बीवी को एक दूसरे को समझना चाहिए, एक दूसरे के जज़्बात को महसूस करना चाहिए। यूरोप वालों की यह समझ है लेकिन अच्छी समझ है कि हर एक को एक दूसरे के दर्द और इच्छाओं को महसूस करना चाहिए और उसके अनुकूल व्यवहार करना चाहिए, इसी को कहते हैं सामने वाले को समझना, यानी आम लोगों की ज़बान में एक दूसरे को समझना ज़रूरी है, ये चीज़ें मोहब्बत को बढ़ा देती हैं।  इमाम ख़ामेनेई 25/08/1992
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