इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़ुहूर के ज़माने में (अल्लाह उन्हें जल्द ज़ाहिर करे) किसी भी शक्ल में ज़ुल्म व सितम नहीं होगा, वह ज़माना जिसमें इंसान की सोच और उसकी अक़्ल किसी भी ज़माने की तुलना में ज़्यादा ऐक्टिव व सकारात्मक होगी, वह ज़माना कि जिसमें क़ौमें, एक दूसरे से जंग नहीं करेंगी, दुनिया भर में पूरी तरह अमन व सुकून होगा। उस ज़माने के लिए कोशिश करनी चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 19/02/1992