अल्लाह ने अनेक आयाम से मर्द और औरत को एक जैसा रखा है। आत्मोत्थान के लेहाज़ में इनमें आपस में कोई अंतर नहीं है कि इसका नमूना हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा हैं। नेतृत्व की क्षमता के लेहाज़ से इनमें आपस में कोई अंतर नहीं है कि इसका नमूना हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा हैं।