आज हमारे समाज को इस बात को समझने की ज़रूरत है कि घरेलू ख़ातून होने का क्या मतलब है? हज़रत फ़ातेमा ज़हरा, उस शान, उस रुतबे, उस मक़ाम और उस महानता के साथ ही घरेलू ख़ातून भी हैं। उनकी एक शान, उनका एक काम दांपत्य जीवन गुज़ारना है, मातृत्व की ज़िंदगी गुज़ारना है और घरेलू ख़ातून होना है, इन बातों को इस आयाम से देखना चाहिए।