यह तादाद और ताक़त जिस पर क़ुरआन में बल दिया गया है "अल्लाह के दुश्मन को ख़ौफ़ज़दा कर सको" इससे मुल्क में अमन व सुरक्षा क़ायम होती है, इसलिए आप देख सकते हैं कि काफ़ी मुद्दत तक बार बार कहा करते थे कि फ़ौजी कार्यवाही का विकल्प मेज़ पर मौजूद है। (अब) एक मुद्दत हो गयी यह बात ज़बान पर नहीं लाते। यह आपकी ताक़त का नतीजा है, जब भीतरी सतह पर आप ताक़त बढ़ाते हैं तो उसका नतीजा इस तरह सामने आता है।
इमाम ख़ामेनेई
21/08/2023