धन संपत्ति इकट्ठा करना और अल्लाह की राह में ख़र्च न करना, मूल्यों के ख़िलाफ़, एक गुनाह और शायद महापाप है। इस्लाम में इन्फ़ाक (अल्लाह की राह में ख़र्च) एक बुनियादी उसूल है, अल्लाह की राह में ख़र्च करना चाहिए। यह नहीं कहा गया कि सौदा न कीजिए, पैसा न कमाइये, ये काम कीजिए लेकिन अल्लाह की राह में ख़र्च कीजिए।
इमाम ख़ामेनेई
06/11/2009