हमारे मुल्क में जिस हद तक अध्यात्म से लगाव पैदा हुआ है, निश्चित तौर पर यह हमारे काम में मददगार होगा। ऐसी स्थितियां भी होती हैं जब इंसान किसी चीज़ के सिलसिले में रास्तों को बंद पाता है लेकिन अल्लाह से दिल की गहराई से ध्यान और पैग़म्बरों व इमामों के वसीले से दुआ से कि जिन पर अल्लाह की ख़ास इनायतें हैं, बंद राहें खुल जाती हैं। हम भविष्य को बहुत ही उज्जवल देख रहे हैं और जानते हैं कि अल्लाह के करम से, उसकी ताक़त से इस मुल्क का भविष्य, अतीत की तुलना में हर रुख़ से चाहे वह भौतिक हो या आध्यात्मिक, बेहतर से बेहतर होता जाएगा। इमाम ख़ामेनेई 04/09/2014
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