अमीरुल मोमेनीन की विलायत (उनके आदेश का पूरी तरह से आज्ञापलन) और विलायत का मसला, क़ाफ़िरों की मायूसी का सबब क़रार दिया गया हैः "आज काफ़िर आपके दीन की तरफ़ से मायूस हो गए।" (सूरए मायदा, आयत-203) इसी सूरे में एक दूसरी आयत में आया है कि "और जो तवल्ला रखे, अल्लाह से, उसके रसूल से और साहेबाने ईमान से (वह अल्लाह का गिरोह है) और बेशक अल्लाह का गिरोह ही ग़ालिब आने वाला है।" (सूरए मायदा, आयत-56) इमाम ख़ामेनेई 29/08/2018