दुख दर्द से भरा आत्मा को तड़पाने वाला फ़िलिस्तीन का वाक़ेया और सब्र व शुक्र करने वाली, संयमी व दृढ़ता दिखाने वाली क़ौम की मज़लूमियत, हक़ीक़त में हर आज़ाद, हक़पसंद और न्याय की कोशिश करने वाले इंसान के लिए पीड़ादायक है और हर दिल को दुख दर्द से भर देता है लेकिन दूसरे नापाक पेजों की तरह, यह भी इतिहास के उन नापाक पेजों में से है जो अल्लाह के हुक्म से एक दिन बंद होकर रहेगा क्योंकिः "यक़ीनन बातिल तो था ही मिटने वाला" (सूरए इसरा, आयत-81) इमाम ख़ामेनेई 21/02/2017