बसीजी हक़ नहीं जताता बल्कि अपने फ़रीज़े मद्देनज़र रखता है। अपने फ़रीज़े को अहमियत देता है और उस पर अमल करता है। बसीजी संगठन की क्षमताओं को अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल नहीं करता। बसीजी अमानतदार होता है। इमाम ख़ामेनेई 29 नवम्बर 2023
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