समाज के लोगों के बीच मुहब्बत, ख़ुलूस और अपनाइयत भी बेसत के ख़ज़ानों में से एक ख़ज़ाना है। समाज में ज़िंदगी हमदर्दी और मुरव्वत की फ़ज़ा में गुज़रना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 18 फ़रवरी 2023  
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