सवालः क्या अज़ादारी में हरवला (हल्की रफ़्तार से दौड़ना) और शोर (ऊंची आवाज़ में तेज़ी के साथ अहलेबैत का नाम लेना) सही है?
जवाबः अगर ऐसे अंदाज़ में हो जिससे मज़हब या अहलेबैत अलैहेमुस सलाम की अज़ादारी की सभा का अनादर न हो रहा हो, तो कोई हरज नहीं है।