हर साल 19 दय 1356 हिजरी शमसी बराबर 9 जनवरी 1978 के आंदोलन की बरसी पर तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में क़ुम के हज़ारों लोग सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात करते थे, जो इस साल कोरोना वायरस की वजह से मेडिकल प्रोटोकॉल के मद्देनज़र वर्चुअल रूप में हो रही है।
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आज क़ुम में हज़रत फ़ातेमा मासूमा सलामुल्लाह अलैहा के रौज़े के इमाम ख़ुमैनी हाल में मौजूद लोगों के बीच वीडियो लिंक के माध्यम से स्पीच दे रहे हैं।
यह स्पीच Khamenei.ir वेबसाइट, इसके सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्मों और ईरान के राष्ट्रीय टीवी व रेडियो के चैनलों से लाइव टेलिकास्ट हो रही है।
संबोधन के कुछ ख़ास बिंदुः
ग़ैरते दीनी (धार्मिक स्वाभिमान) ख़तरों को अवसरों में बदल देती है। इसकी एक मिसाल ईरान के ख़िलाफ़ सद्दाम की थोपी गई जंग है। अमरीका, सोवियत युनियन और नैटो वग़ैरा इस अंतर्राष्ट्रीय जंग में ईरान को हराने के लिए एकजुट हो गए थे लेकिन अवाम की ग़ैरते दीनी ने उन सब को शिकस्त दी।
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