01/05/2024
आप ग़ौर कीजिए! इस्राईल की ज़बानी मुख़ालेफ़त करने पर अमरीका छात्रों के साथ कैसा बर्ताव कर रहा है।
26/02/2024
पश्चिम मे कुछ लोग ज़बान से तो कहते हैं कि इस्राईल क्यों क़त्ले आम कर रहा है। ज़बानी हद तक यह बात कह देते हैं लेकिन अमल में उसका समर्थन करते हैं, हथियार देते हैं, उसकी ज़रूरत का सामान मुहैया कराते हैं। इमाम ख़ामेनेई  24 फ़रवरी 2024
18/11/2023
यह जंग ग़ज़ा और इस्राईल की जंग नहीं सत्य और असत्य की जंग है, साम्राज्यवाद और ईमान की जंग है। इम्पेरियलिस्ट ताक़तें बमों, सैनिक दबाव, त्रास्दियों और अपराधों के साथ आगे आती हैं और ईमान की ताक़त अल्लाह की मदद से इन सब पर विजय हासिल करेगी। इमाम ख़ामेनेई   1 नवम्बर 2023
17/11/2023
ग़ज़ा के अवाम ने अपने सब्र से पूरी इंसानियत के ज़मीर को झिंझोड़ दिया। यहां तक कि ब्रिटेन, फ़्रांस और अमरीका में जनसैलाब निकलता है और इस्राईल के ख़िलाफ़ और अमरीकी सरकार के ख़िलाफ़ नारे लगाता है। इमाम ख़ामेनेई  
14/10/2023
इस्राईल एक मुल्क नहीं, बल्कि फ़िलिस्तीनी क़ौम और दूसरी मुसलमान क़ौमों के ख़िलाफ़, आतंकवाद की एक छावनी है। इस बर्बर सरकार के ख़िलाफ़ जद्दोजेहद, हक़ीक़त में ज़ुल्म के ख़िलाफ़ संघर्ष और आतंकवाद के ख़िलाफ़ जंग है और यह सबका सामूहिक फ़रीज़ा है।
14/05/2023
सही अर्थों में ज़ायोनी सरकार राजनैतिक अस्थिरता में घिरी हुयी है। उनके अधिकारी बार बार चेतावनी दे रहे हैं कि बहुत जल्द बिखराव होने वाला है। उनका राष्ट्रपति कह रहा है, उनका पूर्व प्रधान मंत्री कह रहा है, उनका सुरक्षा विभाग का प्रमुख कह रहा है, उनका रक्षा मंत्री कह रहा है, वे सभी कह रहे हैं कि जल्द ही बिखर जाएंगे और हम 80 साल के नहीं हो पाएंगे। हमने कहा था, ʺतुम अगले 25 साल नहीं देख पाओगेʺ लेकिन उनको तो (मिट जाने की) और भी जल्दी पड़ी है।
13/05/2023
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने हालिया कुछ बरसों में कुछ अरब मुल्कों के ज़ायोनी हुकूमत से समझौते करने के ख़िलाफ़ बार बार स्टैंड लिया और इसे इस्लाम और मुसलमानों से ग़द्दारी बताया।
28/04/2023
ज़ायोनी हुकूमत का बिखराव और अंत क़रीब है, यह, प्रतिरोध की बरकत से है, यह इस वजह से है कि फ़िलिस्तीनी जवान, अपने दुश्मन की डिटेरन्स ताक़त को लगातार कमज़ोर और ख़त्म करने में कामयाब हुआ है।
04/04/2023
ख़ुद उनके अधिकारी बार-बार लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि बिखराव क़रीब है। हमने कहा था कि बीस साल, पच्चीस साल…लेकिन उनको तो (मिट जाने की) और भी जल्दी पड़ी है।
24/10/2021
24 अक्तूबर 2021 को इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने इस मुलाक़ात में पैग़म्बरे इस्लाम की पैदाइश की मुबारकबाद दी और इस शुभ जन्म दिन को पूरी इंसानियत की ज़िन्दगी में नए दौर का आग़ाज़ बताया। सर्वोच्च नेता के भाषण का हिंदी अनुवाद पेश हैः पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम और उनके छठे उत्तराधिकारी इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम की पैदाइश के मुबारक दिन पर तीनों पालिकाओं के चीफ़, इस्लामी व्यवस्था के अधिकारियों और पैंतीसवी अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस में भाग लेने वाले मेहमानों ने रविवार को आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।