ज़ियारत क़ुबूल होने का मतलब यह है कि इमाम से मुलाक़ात का जो फ़ायदा, मुलाक़ात करने वाले को मिलता है, वह आपको हासिल हो। ज़ियारत क़ुबूल होने का मतलब यह है। इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने पासदाराने इंक़ेलाब फ़ोर्स आईआरजीसी से 23 अगस्त सन 2003 को हुई अपनी मुलाक़ात में इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की ज़ियारत के आदाब या संस्कार बयान किए जो पेश किए जा रहे हैं।